[ad_1]
18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद का पहला सत्र जारी है। संसद की कार्यवाही के दौरान आज पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी भाषण दिया। लेकिन इस बीच वो स्पीकर से अपील करते रह गए। कि उन्हों थोड़ी और बोलने का वक्त दिया जाएगा। ताकि वो अपनी पूरी बात क्रमबद्ध तरीके से रख पाएं। लेकिन करीब 6-7 मिनट बोलने के बाद स्पीकर ने उन्हें धन्यवाद कह दिया। और पप्पू यादव विनती करते रह गए।
हालांकि इससे पहले संसद सत्र में दिए बयान में पप्पू यादव ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम आपके यशस्वी हैं। दुनिया इन्हें फॉलो करती है। तो कांग्रेस चालीसा, नेहरू, इंदिरा और राहुल चालीसा बंद करिए। अपने प्रति ईमानदार बनिए। उन्होने कहा कि बीजेपी को प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं रहा। इन लोगों ने गठबंधन की राजनीति की। जब इन्हें गठबंधन की राजनीति पर भी भरोसा नहीं रहा तो पीएम ने जेवर, भैंस, बैल से लेकर मुजरा तक की बात की। पूरे चुनाव में पीएम ने हिन्दुस्तान के गरीबों का जिक्र नहीं किया।
सांसद पप्पू यादव ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी को राम पर भरोसा नहीं रहा। बीजेपी वालों को प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं। प्रधानमंत्री ने चुनाव के वक्त जेवर, भैंस से लेकर मुजरा तक की बात की। लेकिन एक बार भी हिंदुस्तान के संविधान की, हिंदुस्तान के गरीबों की बात नहीं की गई। पप्पू यादव ने कहा कि देश में गरीबों की थाली में 160 रुपये वाली दाल नहीं है, 120 रुपये वाली सब्जी नहीं हैं। मैं जानना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी अगर इतने ही सशक्त हैं तो देश की 84 करोड़ जनता को आज भी टैक्स के पैसे से अरवा चावल क्यों देना पड़ता है?
यह भी पढ़िए- लोकसभा में पहली बार बोले आरजेडी के अभय कुशवाहा, माले के सुदामा प्रसाद; पढ़िए क्या कहा
निर्दलीय सांसद ने कहा कि आज बिहार सहित कई राज्यों में बीजेपी की डबल इंजन सरकार है। मैं कहना चाहता हूं कि आप दलितों से दूर मत होइए, किसी से नफरत मत कीजिए। मेरी मांग है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने एक सभा में कहा था कि ‘मैं बिहार को अपना बनाऊंगा। बिहार मेरा है और बिहार को हर परिस्थिति में विशेष राज्य का दर्जा देंगे। विशेष पैकेज कोसी, मिथिला सीमांचल और मगध के लिए देंगे। अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
पप्पू यादव ने कहा कि यह देश वसुधैव कुटुंबकम का है। सर्वधर्म समभाव का है। यह देश मानवीय मूल्यों के लिए माना जाता है, किसी धर्म या मजहब के लिए नहीं माना जाता है। अगर मैं किसी संत की बात करूंगा तो रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, कबीरदास जी, वाल्मीकि, संत रविदास, हम संत इनको कहेंगे।
जातीय जनगणना पर बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि जब केंद्र में हमारी सरकार थी, तब जातीय जनगणना कराई गई थी। बिहार में जब जातीय जनगणना की शुरुआत हुई, अभी ललन बाबू नहीं हैं, नहीं तो मैं उन्हें सुनाता। उस वक्त जनगणना का सर्वे सामने आया तो 98 पर्सेंट लोगों के पास लैपटॉप कंप्यूटर नहीं है। 96 प्रतिशत लोगों पास कोई व्हीकल नहीं है।
यह भी पढ़िए- संविधान के लिए खतरा है कांग्रेस; संसद में जमकर विपक्ष पर बरसे केंद्रीय मंत्री ललन सिंह
अगर किसी के पास कोई गाड़ी है तो वो ईएमआई पर है। लगभग 82.6 प्रतिशत लोगों के पास एक बीघा से नीचे जमीन है। 9.2 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिनके पास कोई जमीन नहीं है। लगभग 78.7 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके पास पक्का मकान नहीं है। न रोजगार है, न घर है और न खेत है। मजदूरी केवल 280 रुपये, वह भी 20 दिन से ज्यादा नहीं।
[ad_2]
Source link