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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा विधानसभा में 7 जून को निकाले गए विज्ञापन के आधार पर उप सचिव के पद पर होने वाली नियुक्ति पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस अमन चौधरी ने कंवर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं। याचिका पर सुनवाई क
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कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक चयन को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता कंवर सिंह वर्तमान में 19 मई 2016 से हरियाणा राज्य विधानसभा में अवर सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
याचिका में ये दावा
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि यह पद पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना चाहिए था, न कि सीधी भर्ती के माध्यम से। याचिकाकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय सेवा नियम, 1981 में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया गया है कि कार्यालय के भीतर योग्य, अनुभवी व्यक्ति की अनुपलब्धता के मामले में, विभिन्न श्रेणियों के पदों को सीधी भर्ती द्वारा भरा जाएगा।
याचिकाकर्ता ने ये दी हैं दलीलें
याचिकाकर्ता के पास अवर सचिव के पद पर 8 वर्ष से अधिक का अनुभव है और वह न केवल स्नातक है, बल्कि उसके पास कानून की डिग्री है तथा तीन वर्ष से अधिक का अनुभव है, जो नियमों की आवश्यकता के अनुरूप है।याचिकाकर्ता के अनुसार, हालांकि उससे वरिष्ठ एक व्यक्ति है, लेकिन वह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाला है, इसलिए उसने विज्ञापन को चुनौती नहीं देने का फैसला किया है।
याचिका के अनुसार उसने इस तथ्य के कारण याचिका दायर की है कि उप सचिव का केवल एक पद उपलब्ध है, जिसे सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जाना है और उसका कार्यकाल वर्ष 2030 तक बचा हुआ है।
ये लगाए आरोप
याचिकाकर्ता कंवर सिंह याचिका में और भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने खुद स्पीकर के स्तर पर इस तरह के मुद्दे पर निर्णय लिए जाने का हवाला दिया, जिसमें एक कर्मचारी के पात्र होने के बावजूद सीधी भर्ती का सहारा लिया गया था और अभ्यावेदन किए जाने पर उसे पदोन्नति दी गई थी। इस समय हरियाणा विधानसभा में पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता स्पीकर के पद पर हैं।
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