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उज्जैन का सिंहस्थ मेला प्राधिकरण कार्यालय जहां विभागाध्यक्ष धार्मिक न्यास और धर्मस्व व संचालक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन कार्यालय शिफ्ट किया गया है।
राजधानी के सतपुड़ा भवन में संचालित विभागाध्यक्ष और संचालक धार्मिक न्यास और धर्मस्व तथा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के संचालक का दफ्तर उज्जैन शिफ्ट कर दिया गया है। मोहन यादव कैबिनेट द्वारा लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले इसका फैसला किया गय
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धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग की उपसचिव द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार विभागाध्यक्ष और कार्यालय संचालक के दफ्तर को भोपाल में पदस्थ अमले के साथ उज्जैन के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। संचालक और विभागाध्यक्ष का यह दफ्तर सिंहस्थ मेला प्राधिकरण उज्जैन के भवन में लगेगा।
11 मार्च को कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के विभागाध्यक्ष और संचालक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का दफ्तर उज्जैन शिफ्ट करने का फैसला मोहन कैबिनेट ने इसी साल 11 मार्च को लिया था। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले किए गए इस फैसले के बाद अब विभाग के अमले और अफसरों को शिफ्ट किए जाने से इससे संबंधित गतिविधियां उज्जैन से ही संचालित होंगी।
इसलिए शिफ्ट किया उज्जैन
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इस दफ्तर को उज्जैन शिफ्ट करने की कोशिश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में भी की थी। तब उनका तर्क था कि चूंकि उज्जैन महाकाल बाबा की नगरी है और यहां प्रदेश के सभी जिलों के मुकाबले सबसे अधिक मंदिर हैं। इसलिए यह दफ्तर उज्जैन शिफ्ट होना चाहिए। तब पूर्व सीएम शिवराज ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। इसके बाद सीएम बनने के पश्चात डॉ मोहन यादव ने इस दफ्तर को उज्जैन शिफ्ट करने का ऐलान जनवरी में ही कर दिया था और मार्च में कैबिनेट से इसकी मंजूरी भी हो गई थी।
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