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बिष्टुपुर पार्वती घाट में शवों के दाह संस्कार के बाद जिन कपड़ों को छोड़ दिया जाता है, अब उन्हें रीसाइकिल कर यूज में लाया जाएगा। इन कपड़े से कारपेट, डोरमैट, चटाई, बेडशीट, फुट मैट, दरी आदि बनाई जाएगी। इसके लिए मुरादाबाद की हथकरघा उद्योग नाम की एक निजी कं
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इस वजह से पूरे घाट पर गंदगी फैली रहती है। समझौते के बाद जहां इन कपड़ों का दोबारा यूज होगा, वहीं इससे घाट भी साफ सुथरा नजर आएगा। इससे पार्वती घाट की कमाई भी होगी। मुरादाबाद की हथकरघा उद्योग कंपनी यहां से कपड़े उठाएगी।
हम पहली बार ऐसा करने जा रहे
घाट साफ रखने के लिए टाइअप किया
कपड़ों का गट्ठर रखने के लिए बनेगा कमरा
पार्वती घाट में अर्थियों से उतारे गए कपड़ों का गट्ठर बनाया जाएगा। शवों के जलने के बाद कपड़े और घी, अगरबत्ती, धूप और दाह संस्कार के विधि-विधान में काम आने वाली दूसरी चीजों को यहीं रखा जाएगा।
अर्थियों की लकिड़यों से बनेंगी टोकरियां, सूप व पंखे
फूलों से बनेगा कंपोस्ट : घाट से हर दिन 5 से 6 किलोग्राम फूल मालाएं निकलती हैं। इन फूलों से कंपोस्ट बनाया जाएगा। घाटों से निकले फूलों को एकत्रित करने के लिए हाउस बनाया जाएगा, जिसका नाम अर्पण कलश रखा जाएगा।
पार्वती घाट सचिव डीके भट्ट ने बताया कि अब यहां का कुछ भी बेकार नहीं होगा। हर दिन यहां करीब 10 से 12 शव आ जाते हैं। अर्थियों का बांस भी अब काम में आएगा। इससे सूप, टोकरियां, हाथ के पंखे बनाए जाएंगे। इन लकड़ियों को हुनरमंद ग्रामीणों को दिया जाएगा ताकि उनको रोजगार मिल सके। इसिलए हम लोग कुछ गांव के लोगों से बात कर रहे हैं।
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