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शहर के व्यस्त क्षेत्रों में लोक परिवहन के लिए केबल कार चलाने की योजना के लिए फिजिबिलिटी सर्वे का काम आईडीए ने वेस्कास को सौंपा है। देश की एक और नामी राइट्स ने भी रुचि दिखाई थी। कंपनी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग रूट पर फिजिबिलिटी देखेगी। ऑपरेशन म
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राजबाड़ा, सियागंज, जवाहर मार्ग, सुभाष मार्ग, एमजी रोड से बीआरटीएस, रिंग रोड तक व अन्य क्षेत्रों में केबल कार चलाने की योजना है। 5 साल से इसके लिए अलग-अलग स्तर पर प्रयास हो रहे है। इसके लिए प्रारंभिक सर्वे भी किया गया, लेकिन मेट्रो की कवायद के चलते प्लान ठंडे बस्ते में चला गया। हाल ही में नगरीय आवास व विकास विभाग के मंत्री के निर्देश पर आईडीए ने इसके सर्वे के लिए टेंडर जारी किया था। जिसमें वेस्कास व राइट्स ने टेंडर भरे थे।
विदेशों में तो पूरे शहर में लगा रहे केबल कार
कलेक्टर, आईडीए सीईओ से चर्चा के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने बताया, ट्रैफिक सघनता वाले क्षेत्रों के लिए यह बेहतर लोक परिवहन मॉड है। इसमें 6 से 12 सवारी वाली कार केबल के सहारे हवा में चलती है। यह रोप-वे से अलग मॉडल है। विदेशों में तो शहरों में इसे लगाया जा रहा है। इसके निर्माण में लागत और जगह कम लगती है।
केंद्र से सहायता संभव
शहर में केबल कार प्रोजेक्ट के लिए एनएचएआई ने भी शुरुआत की थी। इसके लिए सर्वे भी प्लान किया था। एनएचएआई की लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी ने प्रदेश में इंदौर सहित उज्जैन, सागर व अन्य शहरों में सर्वे की जिम्मेदारी ली। सरकार से रूट्स मांगे। इंदौर के लिए रूट्स नहीं मिलने पर कंपनी ने अन्य शहरों में सर्वे कर लिया। इसके लिए केंद्र से सहायता मिल सकती है।
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