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काेटा व बूंदी जिले के ऐसे 749 गांव जहां अब तक पीने का सतही पानी नहीं पहुंचे, वहां नदी का पानी पहुंचाने के लिए जलदाय विभाग ने याेजना बनाई है। यह हाड़ाैती की अभी तक की सबसे बड़ी याेजना हाेगी। जल जीवन मिशन में इस पर 1661 कराेड़ रुपए खर्च हाेंगे। इसके टे
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याेजना के तहत पीकेसी- ईआरसीपी में बने नाैनेरा बांध पर इंटेकवैल बनाकर इटावा, सुल्तानपुर, लाडपुरा, केशवरायपाटन, कापरेन, खाताैली सहित अन्य जगह पाइप लाइन से घराें तक पानी पहुंचाया जाना है। जल्द ही इसका काम शुरू हाेगा और काम दाे साल में पूरा करना है। तीन जगह इटावा, सुल्तानपुर और कापरेन में फिल्टर प्लांट बनाए जाएंगे।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल पर बने नाैनेरा बांध बनाया गया है। वहीं इटावा, सुल्तानपुर, खाताैली, लाडपुरा का काफी हिस्सा, केशवरायपाटन, लाखेरी, कापरेन सहित अन्य जगह पीने का पानी ट्यूबवैल या अन्य किसी साधन से दिया जा रहा था। गर्मी के दिनाें में अधिकतर जगह टैंकराें से पानी की सप्लाई हाेती थी। इसे देखते हुए जलदाय विभाग ने यहां पर जल जीवन मिशन के तहत 1661 कराेड़ की पेयजल याेजना बनाई है।
इसमें जिले के 384 और बूंदी जिले के 365 गांव शामिल किए गए हैं। इनमें इटावा, सुल्तानपुर, लाडपुरा, कैथून, खाताैली,गैता माखीदा, कापरेन, केशवरायपाटन, खटखड़, करवर सहित अन्य इलाके शामिल हैं। 2054 तक 11 लाख लाेगाें के लिए यह याेजना बनाई गई है। इसके टेंडर जारी कर दिए हैं। इसकी टेक्निकल बिड ओपन हाे गई है। अब फाइनेंशनल बिड के लिए राज्य सरकार काे भेजी है।
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