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सागर में करीब तीन साल पुराने हत्या के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रकरण में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवरी ने सुनवाई करते हुए आरोपी मोनू उर्फ भूपेंद्र राजपूत को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया।
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अभियोजन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि मृतका की मां दुर्गा यादव ने 9 जुलाई 2021 को थाना केसली में शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि करीब चार-पांच माह से पति से अलग रहकर अपनी 7 वर्षीय मृतका छोटी बेटी के साथ दास्ता पति मोनू राजपूत के साथ रह रही थी। कुछ दिन पहले वह अपनी बेटी के साथ मायके गई थी। 2 जुलाई 2021 को वापस घर आई। उसके दूसरे दिन सुबह करीब 5.30 बजे जब वह उठी तो उसकी मृतका बेटी बिस्तर पर नहीं थी। दास्ता पति मोनू राजपूत को जगाया और उसकी तलाश की। लेकिन कहीं नहीं मिली। मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। संदेह के आधार पर मृतका के सौतेले पिता मोनू उर्फ भूपेंद्र से पूछताछ की।
फंसने के डर से खेत में गाड़ा था बालिका का शव
आरोपी मोनू ने पूछताछ में बताया कि 12-13 दिन पहले दुर्गा यादव अपनी बच्ची को लेकर उसे बिना बताए मायके चली गई थी। 2 जुलाई 2021 को वापस आई। इसके पूर्व भी वह बगैर बताए कहीं भी चली जाती थी। जिससे उसकी जग हंसाई होती थी। इसी बात के गुस्सा में 2 जुलाई 2021 की रात आरोपी ने दुर्गा यादव और मृतका बच्ची के साथ लाठी से मारपीट की थी। मारपीट में बच्ची बेहोश हो गई। जब वह रात में जागा तो देखा बच्ची बेहोश पड़ी थी। तब उसने सोचा कि सुबह दुर्गा को पता चलेगा तो वह सबको बता देगी कि मैंने बच्ची को मारा है। इसी डर से आरोपी ने रात में मृतका बच्ची को उठाकर कुएं में फेंक दिया। दो दिन बाद मृतका का शव पानी में ऊपर आ गया। जिसे देख आरोपी ने रात के समय कुएं से शव बाहर निकाला और खेत में गाड़ दिया था।
पूछताछ के आधार पर पुलिस ने खेत से बच्ची का शव बरामद किया। आरोपी के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। जांच पूरी होने पर चालान कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने मामले से जुड़े साक्ष्य व दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। साक्षियों की गवाही कराई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाते हुए आरोपी मोनू उर्फ भूपेंद्र सिंह राजपूत को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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