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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी और राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान में तो पोपाबाई का राज आ गया है। किसी मंत्री को कुछ पता नहीं है क्या चल रहा है। कौन जनसुनवाई करेगा, कौन समाधान करेगा।
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बीजेपी ने जनसुनवाई की नौटंकी की तो मंत्रियों ने धता बता दिया कि भागो हम नहीं मानते। मंत्रियों को पता नहीं है करना क्या है। बिजली का मंत्री पानी पर बहस की चुनौती दे रहा है। सरकार ने इन 7 महीनों में खुद की निकाली भर्ती में 7 लोगों को भी नौकरी नहीं दी। सीएम खुद ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
डोटासरा ने कहा- इस सरकार में भारी खींचतान है। यह जो स्थिति है, वो ढाई साल बाद बनती है। इस सरकार में तो 6 महीने में ही खींचतान चालू हो गई है। इन्होंने 10-10 दिन तो मंत्री को ढूंढने में लगा दिए। कौन मंत्री रहे, कौन मुख्यमंत्री रहे, लेकिन काम तो करें। ये तो काम ही नहीं कर पा रहे।
मुख्यमंत्री मटके में ही यमुना का पानी ला दीजिए, पता नहीं कब पर्ची बदल जाए
डोटासरा ने कहा- कल सीएम झुंझुनूं में कह रहे थे, यमुना का पानी लाएंगे। अब कब ला देंगे, ला दीजिए, पता नहीं कब पर्ची बदल जाए और दिल्ली से फरमान आ जाए। जो करना है वो कर दीजिए। यमुना का पानी ऐसे नहीं आ रहा है तो मटका भर के भी ला दीजिए। कुंभाराम लिफ्ट परियोजना के सेकेंड फेज को आगे बढ़ाए बिना यमुना का पानी नहीं आएगा। ईआरसीपी पर गजेंद्र सिंह बड़ी बातें कर रहे थे। अब जो एमओयू हुए वो हम विधानसभा में देखेंगे।
डोटासरा ने बीजेपी पर गरीबों के घर उजाड़ने के आरोप लगाए। फोटो पिछले दिनों मानसरोवर में जेडीए ने कार्रवाई की थी।
मुख्यमंत्री के इलाके में गरीबों के घर उजाड़ दिए, इसमें साजिश नजर आ रही
डोटासरा ने कहा- अब ये समीक्षा कर रहे हैं, इनकी समीक्षा तो हो गई। छह महीने से कोई काम नहीं कर रहे हैं। विधानसभा में इनका झूठ उजागर करेंगे। मुख्यमंत्री के इलाके में हजारों गरीबों के आशियाने उजड़ रहे हैं। तीस साल से गरीब रह रहा है, उसकी तो सुध लेते। इन्होंने तो यूपी से बुलडोजर मंगवा लिए। मुझे इसमें साजिश लग रही है, कोई न कोई कमिटमेंट दिख रहा है। अतिक्रमण हटाओ, लेकिन जो गरीब पहले से बसा हुआ है। उसका तो पुनर्वास करते। शहर के अंदर 200 फीट के बाइपास का क्या मतलब। दाल में काला लग रहा है।
एसआईटी बनाकर रायता फैला रहे हैं, 7 महीने में सात नौकरी नहीं दी
डोटासरा ने कहा- कांग्रेस राज में रीट पर नाचने वाले बीजेपी नेता अब नीट पेपर लीक पर नहीं बोल रहे हैं। नीट के बच्चों को लेकर इनके मन में कोई सहानुभूति नहीं है। राज्य में भी इन्होंने 6 महीने में खुद पहल करके कोई नौकरी नहीं दी है। ये पुराने पेपर लीक पर एसआईटी गठित करके रायता फैला रहे हैं, ताकि नौकरी देनी ही नहीं पड़े। इनका मकसद यही है कि केवल पर्सेप्शन बना दीजिए कि कांग्रेस राज में गड़बड़ हुई। पेपर लीक करने वालों को जेल में डालिए, लेकिन जो युवा सही हैं, उनको तो नौकरी दीजिए। सात महीने में सात लोगों को नई नौकरी नहीं दी है।
कोटा आईजी बीजेपी का चोला पहनकर काम कर रहा
गहलोत ने कहा- कोटा आईजी बीजेपी का चोला पहनकर काम कर रहा है। इस आइजी ने कांग्रेस नेताओं पर झूठे मुकदमे कर दिए। मैं और टीकाराम जूली मौके पर ही नहीं थे। हम पर मुकदमे कर दिए। पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया पर मंडी से बारदाना गायब होने का और तालाब से मिट्टी गायब होने की 9-9 एफआईआर करवा दी। कोटा आईजी ने तो तय ही कर रखा है कि बीजेपी के इशारों पर ही नाचना है। जिस दिन हम पर केस दर्ज किए, वहां कोई धक्का-मुक्की नहीं हुई। हम विपक्ष में रहकर धरने प्रदर्शन नहीं कर सकते क्या? उस आईजी ने कहा था कि बेइज्जती हो गई इसलिए किसी भी कीमत पर मुकदमा कीजिए, तब हमारे खिलाफ केस दर्ज किया।
दिलावर नहीं, बीजेपी और आरएसएस बोल रहे
मदन दिलावर के बयान पर डोटासरा ने कहा- यह दिलावर नहीं आरएसएस और बीजेपी बोल रहे हैं। अन्यथा वे कह देते कि बीजेपी, आरएसएस इस बयान से सहमत नहीं है। इसका मतलब है, वे सहमत हैं। इससे पता लगता है, आरएसएस और बीजेपी की मानसिकता कैसी है?
एकल पट्टे में रिटायर्ड अफसर क्या जांच करेगा?
डोटासरा ने कहा- रिव्यू कमेटियों के नाम पर ये मरे हुए सांप को गले में डालकर घूम रहे हैं। ये जिलों का रिव्यू कर रहे हैं। एकल पट्टे में जांच कर रहे हैं, जिसमें कुछ नहीं है। जहां कलेक्टर-एसपी बैठ गए, वहां इनकी हिम्मत है क्या कि उन जिलों को खत्म कर देंगे। ये कोई जिला खत्म नहीं कर पाएंगे। एकल पट्टा इनके गले का सांप बन गया। रिटायर्ड अफसर को एकल पट्टे की जांच दी है। रिटायर्ड अफसर इसकी क्या जांच करेगा। सरकार सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है कि एकल पट्टे में कुछ नहीं है। बाद में उस जवाब को वापस लिया।
इनकी सारी बॉल ही बाउंस हो रहीं, हमें तो अफगानिस्तान समझ रहे
डोटासरा ने कहा- क्रिकेट में लाइन लेंथ का महत्व होता है। सारी बॉल्स ही बाउंस हो रही हैं। इनका कुछ भी ठीक नहीं हो रहा। मैंने कई जनहित के ज्वलंत मुद्दों को उठाते हुए जवाब मांगा, ट्वीट किए, उन मामलों में एक भी बात का CMO जवाब नहीं दे रहा। किसी पार्टी अध्यक्ष के सवाल उठाने पर उसका जवाब देना चाहिए, आज तक कोई जवाब नहीं दिया, हमें तो ये अफगानिस्तान समझ रहे हैं।
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