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रांची में दो दिवसीय सहज योग कार्यशाला शुरू
रांची में दो दिवसीय सहज योग कार्यशाला की शुरुआत आज हुई। 1970 में विश्व प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरु निर्मला देवी जी ने सहज योग की स्थापना की। उनके अनुयायी उनको श्री माता जी निर्मला देवी के रूप में प्यार से संबोधित करते हैं। सहज योग दुनिया भर में आध्यात
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श्री माता जी ने मानव शरीर में कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करने की एक अनूठी तकनीक विकसित की है, जिससे ना सिर्फ आध्यात्मिक उत्थान संभव है बल्कि सहज योग को अपनाने से मन की शांति, शैक्षणिक उत्थान, स्ट्रेस मैनेजमेंट, विश्व शांति और बंधुत्व को बल मिलता है। आज के भाग दौड़ वाले जीवन में सहज योग का महत्व अति महत्वपूर्ण हो गया है।
कार्यशाला के पहले दिन बड़ी संख्या में अनुयायियों ने हिस्सा लिया
भजन और सहज संगीत से हुई शुरुआत
कार्यशाला के पहले दिन सभी सहज योगियों ने श्री माता जी के समक्ष भजन और सहज संगीत की प्रस्तुति की। प्रथम सत्र में पुणे से आई एनएसवाईएस की राष्ट्रीय समन्वयक रश्मि उमाले ने सहज योग ध्यान के माध्यम से व्यक्तित्व विकास पर विस्तार से अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
लखनऊ से आए राष्ट्रीय कोर टीम सदस्य (एनएसपीटी) डॉ प्रमोद सिंह ने सहज योग को जन जन तक पहुंचने और विश्व शांति स्थापित करने के लिए इसके प्रचार-प्रसार के लिए जरूरी पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने विशेष रूप से शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों को सहज ध्यान करने से मिलने वाले फायदों पर विस्तृत चर्चा की। इसके बाद के सत्र में सहज योगिनी रंजना दीदी ने स्कूल्स में सहज योग ध्यान के महत्व पर जरूरी प्रस्तुति दी।
सहज योग से जीवन में आ सकते हैं कई बदलाव
स्कूली बच्चों के जीवन में बदलाव ला सकता है सहज योग
उन्होंने बताया की सहज योग ध्यान स्कूली बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। रीजनल युवा शक्ति कोऑर्डिनेटर गोकुल मोहता जी ने ध्यान की गहराई पर विस्तार से बात की। आखिरी सत्र में देश और राज्य से आए गायकों ने सहज संगीत के माध्यम से सबको ध्यान का अविस्मरणीय अनुभव करवाया इसके साथ ही सहज सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।।
झारखंड सहज योग परिवार से जे के मारू, वाई एन सिंह, दाऊ मोहता, पुष्पा मोहता, अनुराधा कपूर, सोनाली चौधरी, पूनम सेठ, ट्रस्टी जगदीश महतो, राज्य समन्वक ब्रिज मिश्रा, एच के बियानी, गोकुल मोहता, डाक्टर बी बी लाल, डॉक्टर मनोज, अनुज कपूर, डाक्टर सुधांशु शेखर सहित पूरे झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों से आए 400 से अधिक संख्या में सहयोगियों ने भागीदारी निभाई। यह कार्यशाला कल भी जारी रहेगा।
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