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टिटहरी पक्षी द्वारा दिए गए चार अंडे।
भीलवाड़ा में मानसून की आहट के साथ ही प्रकृति ने अच्छी बारिश होने के संकेत दिए है। जिले के आसींद के मेफलियास और हमीरगढ़ गांव के खेतों में किसानों के द्वारा जुताई करते समय टिटोड़ी (टिटहरी) के अंडे दिखाई दिए।
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किसानों को खेत की जुताई करते समय चार अंडे दिखाई दिए। चारों अंडों का मुंह जमीन की ओर था। स्थानीय वासियों का अनुमान है कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह मानसून में अच्छी बारिश होने का संकेत है।
आसींद के मेफलियास क्षेत्र में टिटहरी के अंडे।
नगर व्यास राजेंद्र व्यास ने बताया- वर्षा ऋतु प्रारंभ हो चुकी है। सब पूर्वानुमान लगाने में है। बरसात कैसी होगी, अति वृष्टि होगी या अनावृष्टि होगी। इस मामले में पुराने लोग टिटहरी के अंडों के आधार पर, उनके बच्चे देने के आधार से बरसात का पूर्वानुमान लगाते है। अगर टिटहरी ने तालाब के किनारे, नदी के किनारे पानी के सहारे अंडे दिए हैं, तो ऐसी मान्यता है की बरसात कम होगी। अगर वो जंगल में देती है, खेत में देती है तो ऐसी मान्यता की बरसात अच्छी होगी।
(नगर व्यास) राजेंद्र व्यास
उन्होंने बताया- टिटहरी अगर तीन या कम अंडे देती है तो मध्यम बरसात बताई जाती है और चार अंडे देती है तो भरपूर बरसात होती है। चार अंडे देने के साथ में यदि चार अंडे नुकीले हो और एक साथ हो तो, ऐसी मान्यता है की बरसात बहुत ज्यादा अच्छी होगी और चारों तरफ अच्छा पानी होगा।
(पर्यावरण प्रेमी) श्याम सुंदर जोशी
पर्यावरण प्रेमी श्याम सुंदर जोशी ने बताया- हमारे यहां ग्रामीण क्षेत्रों में कई परंपराएं ऐसी है, जिनसे यह आइडिया हो जाता है कि इस साल बारिश कैसी होगी। उसी में से एक है टिटहरी के अंडे। यह अंडे तीन भी हो सकते हैं, चार भी हो सकते हैं। कई लोग कहते हैं कि 12- 12 तक अंडे देती है। अगर यह नदी के किनारे देती है या नदी के पेट में देती है तो अनुमान होता है की बारिश इतनी कम होगी कि टिटोड़ी के अंडे तक उससे प्रभावित नहीं होंगे। उसके अंदर तक पानी नहीं पहुंचेगा और अगर वो नदी के किनारे की बजाए थोड़ा हाइट पर देती है तो हाइट पर देने का मतलब है कि पानी अच्छा आएगा, बरसात अच्छी होगी। यह धारणा काफी टाइम से प्रचलित है और लोग इससे पूर्वानुमान लगाते हैं। यह अनुमान काफी हद तक सही भी मिलते है।
हमीरगढ़ क्षेत्र में टिटहरी के अंडे।
टिटहरी (टिटोड़ी) के अंडों से 18 से 20 दिन के अंदर बच्चे निकल आते हैं। नर एवं मादा टिटोड़ी मिलकर दिन-रात अपने अंडों की रक्षा करते हैं। टिटोड़ी चौकन्ना पक्षी है, जो अपने पास आने वाले किसी भी जीव जंतु मनुष्य को देखकर तेज शोर करती है। माना जा रहा है कि इस बार मानसून तय समय से पहले आ सकता है। खाली पड़े खेतों में जमीन की जुताई करने से हानिकारक कीड़े मकोड़े नष्ट हो जाते हैं, खरपतवार भी कम होती है। क्योंकि जमीन में नीचे की मिट्टी ऊपर आ जाती है और ऊपर की मिट्टी नीचे चली जाती है। इससे किसानों को उपज में लाभ होगा तो इस प्रकार खेतों में अंडे दिखाई देने पर किसानों को अच्छी बारिश होने के संकेत मिले हैं।
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