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नीट परीक्षा के रिजल्ट में हुई धांधली को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि जिस तरह से व्यापम को भंग किया गया था, उसी तरह से एनटीए को भी तुरंत भंग कर देना चाहिए। नीट परीक्षा को लेकर विवेक तंखा ने कहा कि प्राइवेट बा
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जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा कि नीट परीक्षा को लेकर जिस तरह से एनटीए ने कार्य किया है,वो निंदनीय है, इसलिए एनटीए को तुरंत भंग कर देना चाहिए। राज्यसभा सांसद ने कहा कि एक प्राइवेट बॉडी आखिर कैसे नीट की परीक्षा करवा सकती है। उन्होंने कहा कि क्या ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की परीक्षा क्या कोई प्राइवेट यूनिवर्सिटी लेती है। उन्होंने कहा कि एम्स के कंसोर्टियम को यह दायित्व सौंप दिया जाना चाहिए, और एम्स के सब डायरेक्टर को मिलकर परीक्षा करवाना चाहिए, जो कि सही तरीका भी है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि जैसे CLAT परीक्षा का दायित्व नेशनल लॉ स्कूल्स को हस्तांतरित किया गया था,उसी तरह से अब वक्त आ गया है कि नीट के तौर तरीकों को बदला जाए। क्योंकि हमको एक अच्छी परीक्षा प्रणाली चाहिए, जिसमे पारदर्शिता हो और ट्रस्ट हो। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में कई याचिका लगाई गई है, जिसमें जल्द ही सुनवाई भी होना है।
नीट के अध्यक्ष को न हटाने पर भी राज्यसभा सांसद ने सवाल उठाए है, उन्होंने कहा कि किस रिक्रूटमेंट अधिकार के तहत प्रदीप जोशी को नीट का अध्यक्ष बनाया गया है, और कब तक सरकार उन्हें बचा कर रखेगी। मध्यप्रदेश में प्रदीप जोशी पांच साल तक एमपीपीएससी के हेड थे, इसके बाद उनको छत्तीसगढ़ एमपीपीएससी का हेड बनाया गया। इसके बाद यूपीएससी और फिर नीट का हेड बना दिया गया, ये क्या तमाशा है। उन्होंने कहा कि क्या पूरे देश में एक ही व्यक्ति है जो कि परीक्षा कनेक्ट करवाएंगे?, क्या प्रदीप जोशी की ये रिक्रूटमेंट रैंक थी। जो कुछ परीक्षाएं को लेकर देश में चल रहा है, ये युवकों के साथ छल है, पर अब देश के युवा जाग चुके है, और प्रजातंत्र आ चुका है।
स्कूलों में इमरजेंसी का पाठ पढ़ाने को लेकर जिस तरह से सरकार ने फैसला लिया है, उस पर भी राज्यसभा सांसद ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले हुई घटना के बाद से अभी तक देश में 10 बार चुनाव हो चुके है। और यह भी याद रखने वाली बात है कि इमरजेंसी लगाने के बाद तत्काल सरकार को जनता ने हटा दिया था, लेकिन इसके बाद फिर 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार देश में बनी थी। विवेक तंखा ने कहा कि भाजपा के पास अब कुछ बचा नहीं है, इसलिए वह यह सब कर रही है, आज जनता को इतिहास नहीं बल्कि विकास चाहिए।
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