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वायरल वीडियो की जांच कर रही पुलिस।
– फोटो : अमर उजाला
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पेपर लीक मामले में वायरल हो रहे वीडियो के चलते जखनिया से सुभासपा विधायक बेदी राम एक बार फिर चर्चा आ गए। हालांकि इस वीडियो की हम पुष्टि नहीं करते हैँ। वही, इस मामले में उनपर लगे आरोप कोई हैरान करने वाले नहीं हैं, क्योंकि पूर्व में भी इस तरह के कारनामों में उनके नाम आ चुके हैं।
बताते हैं कि स्थिति यहां तक होती थी कि रेलवे, ग्राम विकास अधिकारी और टीईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के शुरू होने के पहले ही एसटीएफ बेदीराम पर नजर रखती थी। लेकिन, नौकरशाहों और कई नामचीन नेताओं से अच्छी पकड़ बनाने वाले बेदीराम को रंगेहाथ पकड़ नहीं पाती।
चर्चाएं तो यहां तक होती रही हैं कि सरकार किसी की भी हो, चलती बेदीराम की। यही वजह रहा कि अपने संबंधों और पैसे की बदौलत बेदीराम ने पत्नी को जलालपुर (जौनपुर) से ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़वाया जीतवाया और खुद गाजीपुर के जखनिया से विधायक बन गए।
प्रदेश के बाहर भी होने लगी हैं चर्चाएं
जौनपुर के केराकत तहसील क्षेत्र के कुसियां निवासी बेदीराम पिछले कई वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग करके परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए जाने जाते थे। हालांकि कभी भी सीधे पैसा लेते नहीं देखे गए। 2006 में रेलवे का पेपर लीक कराने के मामले में पहली बार नाम सामने आया।
लखनऊ के कृष्ण नगर में बेदी राम पर एसओजी और एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कराया था। यहीं, उनपर गैंगस्टर एक्ट लगा था। एक वर्ष भी नहीं बीता था कि रेलवे का पेपर लीक कराने में गोमती नगर में एक और मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद बेदीराम के नाम की चर्चाएं प्रदेश के बाहर भी होने लगी।
स्थिति यह हुई कि 2009 में ही रेलवे की परीक्षा सेटिंग कराने के मामले में नाम आया। वहां भी एसओजी और एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कराया गया। वह पेपर लीक मामले में गिरफ्तार भी हो चुके हैं। इतना ही नहीं 21 अगस्त 2014 को यूपी एसटीएफ गैंगस्टेर एक्ट में बेदी राम के खिलाफ कार्रवाई भी की थी।
खुद पर लगातार सख्ती होता देख बेदीराम ने राजनीति में इंट्री योजनाबद्ध तरीके से मार ली। पहले पत्नी बदामा देवी को जलालपुर ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव मैदान में उतार दिया। यह चुनाव भी केराकत के तत्कालीन भाजपा विधायक दिनेश चौधरी की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं, जिनकी भयोहू इस बार चुनाव लड़ रही थी।
लेकिन, बेदीराम ने भाजपा में भी सेंधमारी करते हुए अपनी पत्नी को जीताने में कामयाब रहे। इसके बाद खुद भी विधायक बनने के लिए सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से हाथमिलाया औैर गाजीपुर के जखनिया सुरक्षित सीट से जीतकर जौनपुर के लोगों को हैरान कर दिया।
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