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पूरे देश में इन दिनों नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) का मुद्दा छाया हुआ है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने हाल ही में लोक परीक्षा कानून 2024 की अधिसूचना जारी की है। अब मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार पेपर लीक को रोकने के लिए एक सख्त नया कानून बनाने पर विचार कर रही है, जिसमें 1 करोड़ रुपये का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रस्ताव है। सूत्रों ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने ड्राफ्ट तैयार करके विधि विभाग को भेज दिया है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ सचिव समिति में इस पर पहले ही चर्चा हो चुकी है।
10 साल की सजा
ड्राफ्ट के अनुसार, पेपर लीक होने की स्थिति में परीक्षा केंद्र, सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) और अनियमितताओं में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि भारी जुर्माने और 10 साल की जेल की सजा के अलावा दोषियों की संपत्ति जब्त या अटैज की जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि वह आगामी विधानसभा सत्र में इस विधेयक को पेश करेगी। सूत्रों ने बताया कि अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो कानून को अध्यादेश के रूप में लागू किया जाएगा।
राज्य में परीक्षा घोटालों का एक लंबा इतिहास है, जिसमें व्यापम से लेकर 2023 पटवारी भर्ती में कथित अनियमितताएं शामिल हैं। राज्य सरकार सभी परीक्षाओं- स्कूल बोर्ड से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं और भर्ती तक को कवर करने वाला एक कानून लाना चाहती है। यह एक्सरसाइज लगभग तीन महीने पहले स्कूल और बोर्ड परीक्षाओं को कवर करने के मकसद से शुरू हुई थी। लेकिन जब नीट पेपर लीक कांड सामने आया, तो अधिकारियों ने तुरंत हर तरह की परीक्षा को कवर करने के लिए इसके दायरे का विस्तार करने का फैसला किया।
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में हजारीबाग में स्कूल प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल गिरफ्तार
वहीं सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में शुक्रवार को झारखंड के हजारीबाग में स्थित एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य एहसानुल हक को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के लिए हजारीबाग का नगर समन्वयक बनाया गया था। उन्होंने बताया कि उप-प्रधानाचार्य इम्तियाज आलम को एनटीए का पर्यवेक्षक और ओएसिस स्कूल का केंद्र समन्वयक नियुक्त किया गया है।
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