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NEET पेपर लीक केस में शुक्रवार (28 जून) को झारखंड के हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन हैं। एजेंसी तीनों को शुक्रवार रात करीब 10 बजे हजारीबाग से पट
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एहसान उल हक समेत 3 लोगों से CBI ने शुक्रवार को दिनभर पूछताछ की। अब उन्हें स्पॉट पर ले जाकर टीम सबूतों को पुख्ता करेगी।
CBI और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 3 मई को NEET के क्वेश्चन पेपर कूरियर एजेंसी ब्लू डार्ट के हजारीबाग नूतन नगर सेंटर से बैंक ले जाने की बजाय पहले ओएसिस स्कूल लाए गए। इसके बाद यहां से बैंक भेजे गए। संदेह है कि क्वेश्चन पेपर का पैकेट स्कूल में ही खोला गया था।
हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से CBI 3 दिनों से पूछताछ कर रही थी।
हजारीबाग के नूतन नगर में स्थित ब्लू डार्ट कूरियर का ऑफिस।
ओएसिस स्कूल से ही UGC नेट पेपर लीक का भी शक
आज जब स्कूल में पूछताछ चल रही थी, तब FSL की टीम को भी बुलाया गया। टीम ने भी कुछ सबूत इकट्ठे किए हैं।
एक अन्य जानकारी UGC नेट से भी जुड़ी है, जो इसी स्कूल (ओएसिस) की है। UGC नेट परीक्षा भी इसी सेंटर पर हुई थी। इसी स्कूल से नेट के प्रश्नपत्र लीक होने का शक भी है। आज टीम ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सह सेंटर सुपरिंटेंडेंट इम्तियाज आलम का एक मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है। एजेंसी को शक है कि ओएसिस स्कूल से ही पेपर लीक किया गया है।
चिंटू और मुकेश को लेकर रॉकी के घर पहुंची CBI
पटना में शुक्रवार को ही CBI आरोपी चिंटू और मुकेश को साथ लेकर उनके दोस्त रॉकी के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटना के कंकड़बाग में रॉकी के घर से कई सबूत हाथ लगे हैं। चिंटू की देवघर में गिरफ्तारी के बाद रॉकी फरार हो गया था।
CBI ने चिंटू, मुकेश, आशुतोष और मनीष कुमार के मोबाइल की जांच की। पता चला कि ये सभी आरोपी पिछले 6 महीने से आपस में संपर्क में थे। हर आरोपी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी।
यह पटना का प्ले एंड लर्न स्कूल है। यहीं 20-25 कैंडिडेट्स को पेपर के उत्तर रटवाए गए थे।
27 जून को 2 आरोपी अरेस्ट हुए थे
इससे पहले NEET पेपर लीक मामले में CBI ने गुरुवार को 2 आरोपी मनीष प्रकाश और आशुतोष को पटना से गिरफ्तार किया था। दोनों ने ही पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल को रातभर के लिए बुक कराया था।
इसी स्कूल में 20 से 25 कैंडिडेट्स को इकट्ठा करके आंसर रटवाया गया। यहीं जली बुकलेट के टुकड़े मिले थे।
केंद्रीय जांच एजेंसी पिछले 3 दिन से 11 लोगों से पूछताछ कर रही है। CBI ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से 26 जून को यह केस अपने हाथ में लिया था। अब तक 5 राज्यों में पुलिस ने 27 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं।
इन 3 सवालों में उलझे स्कूल प्रिंसिपल
- पहला सवाल: EOU की टीम ने जांच में पेपर के पैकेट में टेंपरिंग देखी थी। इसे EOU की टीम ने पकड़ा। इसकी पड़ताल की जिम्मेदारी आपकी थी। आपसे यह चूक कैसे हो सकती है? ऐसा तो नहीं कि टेंपरिंग की जानकारी आपको पहले से थी? क्योंकि प्रश्नपत्र के पैकेट में बॉटम को पेशेवर तरीके से खोलकर फिर बंद कर दिया गया था।
- दूसरा सवाल: पैकेट के बॉटम में कट मार्क्स हैं। इस सवाल पर भी प्रिंसिपल फंस गए कि यह कट मार्क्स आप ही के स्कूल के पैकेट में पाया गया और आप खुद NTA के सिटी कोऑर्डिनेटर हैं। इसके बावजूद यह चूक नहीं हो सकती।
- तीसरा सवाल: जब 1:30 बजे एग्जाम हॉल में प्रश्नपत्र पहुंच जाना था तो 15 मिनट देर से छात्रों को कैसे और क्यों मिला?
पटना की बेऊर जेल से आरोपी चिंटू और मुकेश को ले जाती CBI की टीम।
6 राज्यों में चल रही CBI की जांच
CBI 6 राज्य बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और यूपी में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों के आपस में संबंधों की पड़ताल कर रही है, ताकि मास्टरमाइंड का पता चल सके। CBI को शक है कि लीक मामले में विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार आरोपी केवल कॉन्ट्रैक्टर हैं, असली अपराधी कोई और है।
राज्यों में कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से पेपर स्टूडेंट्स तक पहुंचा था। लीक से जुड़े पुराने अपराधियों से भी पूछताछ होगी। वह पुराने आरोपियों के रिकॉर्ड को निकाल रही है।
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