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कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की मंजूरी के बाद किए गए तबादलों को रोकने के आदेश से अब पंचायतीराज विभाग ने यू-टर्न ले लिया है। पहले कृषि विभाग से जिला परिषदों और पंचायत समितियों में इंजीनियरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग को गलत बताने के आदेश को अब पंचायतीराज व
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आपत्ति के बाद बैकफुट पर आया विभाग
इसे किरोड़ीलाल मीणा और मदन दिलावर के बीच टकराव का नरेटिव बदलने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। किरोड़ी के विभाग के तबादलों पर जॉइनिंग रोकने के आदेश से विवाद हो गया था। डॉ. किरोड़ी की आपत्ति के बाद अब मदन दिलावर का विभाग बैकफुट पर आ गया है।
पंचायतीराज आयुक्त का नया आदेश, इसमें पहले जिन इंजीनियरों के तबादलों पर आपत्ति जताई गई, उन्हें अब सही ठहरा दिया है। आयुक्त ने खुद के आदेशों को ही बदल दिया और गलत भी ठहरा दिया।
नए आदेश में लिखा- जॉइनिंग करवाने पर कोई आपत्ति नहीं
पंचायती राज आयुक्त रवि जैन ने अब सभी जिला परिषदों को नया लेटर जारी कर 25 जून को जारी आदेश को बदल दिया है। नए आदेश में अब तर्क दिया है कि पहले वाले तबादलों पर आपत्ति नहीं है। अब तर्क दिया है कि विभागीय पदों का मतलब ग्रामीण विकास पंचायतीराज कैडर के लिए जिला परिषदों और पंचायत समितियों में असिस्टेंट इंजीनियर (AEn) और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (Ex.En) से है। जलग्रहण विकास और भू-सरंक्षण विभाग के इंजनियरिंग कैडर के स्वीकृत पदों पर पोस्टिंग किए जाने की स्थिति में जॉइनिंग करवाने पर इस विभाग को कोई आपत्ति नहीं है। सभी जिला परिषदों को अब यह ताजा आदेश भेजकर स्पष्टीकरण दिया है।
पहले लिखा- कृषि विभाग ग्रामीण विकास के पदों पर पोस्टिंग नहीं कर सकता
पंचायतीराज आयुक्त रवि जैन ने 25 जून को जिला परिषदों के सीईओ को लेटर जारी किया था। जिसमे लिखा था कि कृषि विभाग ने उनके विभाग के इंजीनियरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग बिना पंचायतीराज विभाग की मंजूरी से जिला परिषदों, पंचायत समितियों में किया है। कृषि विभाग का इंजीनियरों के तबादले बिना पंचायती विभाग की अनुमति से करना उचित नहीं है। कृषि विभाग पंचायती राज विभाग के पदों पर पोस्टिंग करने करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है। पहले भी समय-समय पर कृषि विभाग को बिना विभाग की अनुमति या सहमति के ट्रांसफर, पोस्टिंग नहीं करने के लिए लेटर लिखे गए थे। इसके बावजूद कृषि विभाग, कृषि आयुक्तालय उनके विभाग के इंजीनियरों के ट्रांसफर पोस्टिंग बिना मंजूरी कर रहा है। इसे विभाग में सक्षम स्तर पर गंभीरता से लिया गया है।
जॉइन नहीं करवाने के दिए थे आदेश
ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला परिषद सीईओ को लेटर जारी कर कृषि विभाग से जारी किए गए तबादला आदेशों को नहीं मानने को कहा था। आदेशों मेंं लिखा था कि कृषि विभाग ने ग्रामीण विकास के पदों पर जिन्हें पोस्टिंग दी है, उन्हें जॉइन नहीं करवाया जाए और जिन्होंने जॉइन कर लिया है उन्हें तत्काल रिलीव कर मूल विभाग भेज दिया जाए। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
पंचायतीराज आयुक्त का 25 जून का लेटर जिसमें इंजीनियरों के तबादलों पर आपत्ति जताते हुए जॉइनिंग रोकने और रिलीव करने तक के आदेश दिए।
विवाद के बाद अब डैमेज कंट्रोल, इसीलिए बदला आदेश
पंचायतीराज आयुक्त के आदेशों के बाद विवाद गहराने के संकेत मिल रहे थे। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस पर आपत्ति जताई। सियासी हलकों में भी यह विवाद चर्चा का विषय बन गया था। विवाद बढ़ने का नरेटिव बनते देख सरकार ने डैमेज कंट्रोल किया। पुराने आदेश को बदल कर हालात सामान्य बनाने का प्रयास किया गया। यह विवाद ऐसे समय पर उठा है जब विधानसभा का सत्र शुरू होने में केवल 5 दिन बचे हैं। विपक्ष मंत्रियों के बीच टकराव का मुद्दा जरूर उठाएगा, इससे बचने के लिए सुलह का रास्ता अपनाया गया है।
पंचायतीराज आयुक्त ने खुद के आदेशों को ही गलत ठहराया
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा और मदन दिलावर के बीच खींचतान की वजह से पंचायतीराज आयुक्त पर सवाल खड़े हो गए। आयुक्त ने खुद के आदेशों को ही गलत ठहरा दिया। आयुक्त ने पहले जिन तबादलों को गलत बताया, उन्हें खुद ही सही ठहरा दिया। इस पूरे प्रकरण में जिस तरह आयुक्त ने लिखित यू टर्न लिया, इससे गफलत और टकराव के दस्तावेजी सबूत भी बन गए हैं।
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