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भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दुष्यंत चौटाला।
हरियाणा में एक सीट पर होने वाले राज्यसभा चुनाव को कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (JJP) में घमासान तेज हो गया है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बयान पर पलटवार करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दुष्यंत चौटाला 14 विधायक इकट्ठा कर अपना प्रत
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हुड्डा ने आगे कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि वह 14 विधायक इकट्ठे होकर हमें कन्फर्म कर दें तो हम उम्मीदवार दे देंगे। चाहे वह अपना प्रत्याशी दे दें, लेकिन 14 विधायक इकट्ठे तो हो जाएं। अगर वह 14 विधायक एकत्रित होकर अपना प्रत्याशी उतारें तो भी हमें कोई एतराज नहीं है। पहले 14 इकट्ठे तो हों। अगर BJP के खिलाफ उनकी नीयत है तो इकट्ठे हो जाएं, कांग्रेस उसी समय समर्थन कर देगी।
दुष्यंत ने कांग्रेस को समर्थन देने कही थी बात
दुष्यंत चौटाला ने एक दिन पहले चंडीगढ़ में शर्त रखते हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन करने की बात कही थी। दुष्यंत ने कहा था कि अगर कांग्रेस प्रदेश के किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति, कॉमनवेल्थ खिलाड़ी, ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को संयुक्त उम्मीदवार बनाए तो हम समर्थन देने को तैयार हैं।
मगर, विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले से ही हथियार डाल चुके हैं। वह कह रहे हैं कि ‘हमारे पास नंबर गेम नहीं है।’ राजनीति में हार-जीत तो लगी रहती है। कम से कम चुनाव तो लड़ना चाहिए, लेकिन कांग्रेस के नेता की ओर से कहना कि कांग्रेस के पास नंबर नहीं है। कांग्रेस नेता पहले ही BJP के साथ मैच फिक्स करके बैठे हैं।
हुड्डा कह चुके- हमारे पास आंकड़ा कम
पिछले दिनों सोनीपत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि हमने लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है। इससे साफ संदेश मिल रहा है कि हम विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने जा रहे है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी क्योंकि हमारे पास आंकड़ा कम है।
हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें
हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीटें हैं। इन सीटों में 3 भाजपा के पास है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा काबिज है। भाजपा ने सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा भेजा है।
वहीं कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद थे। उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई है। ऐसे में भाजपा राज्यसभा सीट पाना चाहती हैं। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नंबर गेम का हवाला देकर अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में भाजपा की राज्यसभा चुनाव की राह आसान हो गई है।
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