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कैथल सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला।
हरियाणा के कैथल में स्वास्थ्य विभाग डायरिया से होने वाले शिशु की मृत्यु की रोकथाम व नियंत्रण के लिए एक जुलाई से दस्त रोको अभियान चलाएगा। सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि यह अभियान एक जुलाई को शुरू होकर 31 अगस्त तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत
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उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान बच्चों के अभिभावकों को ओआरएस तथा जिंक के प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि डायरिया होने की स्थिति में तुरंत ओआरएस पैकेट प्रयोग हो सके। जिन बच्चों में डायरिया के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें जिंक उपलब्ध करवाया जायेगा। इसके अतिरिक्त सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरटी कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित टीमें सभी स्कूलों में जा कर हाथ धोने की विधि को विस्तार से बताएगी।
सिविल सर्जन चावला ने सभी जिलावासियों से अपील की गई कि अपने बच्चों को डायरिया होने की स्थिति में ओआरएस तथा जिंक देने के साथ साथ अधिक से अधिक तरल पदार्थ दे तथा गंभीर डायरिया होने की स्थिति में बच्चों को तुरंत अस्पताल में दाखिल करवाएं, ताकि बच्चों को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके। इसके अतिरिक्त हमेशा स्वच्छ व ताजा फल-सब्जियां उपयोग में लाएं।
जिला रोग प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नवराज सिंह ने बताया कि डायरिया के संक्रमण से अपने बच्चों को बचाने के लिए इन उपायों को जरूर अपनाएं। अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छे से धोएं, पीने का पानी साफ एंव सुरक्षित उपयोग करें, यह सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे के आस-पास हमेशा सफाई रहे, हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें, पहले छह महीनों तक केवल स्तनपान, पूर्ण आहार एवं र्प्याप्त पोषण।
उन्होंने कहा कि स्तनपान न करना, बार बार पतले गल के कारण गंभीर निर्जलीकरण, मल में खून, बुखार होना या ठंडा लगना, हथेलियों और तलवे पीले होना, सब कुछ उल्टी कर देना, अधिक बुखार होना, तेजी से सांस लेना / सांस लेने में कठिनाई होना, सुस्ती या बेहोशी व दौरे जैसे लक्षण होने की स्थिति में तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें।
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