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एक फोन कॉल ने यूजी नीट पेपर लीक कांड का खुलासा कर दिया। बताया जाता है कि पटना शास्त्रीनगर नगर पुलिस को फोन से सूचना मिली कि चार बदमाश एक एसयूवी से अपने ठिकाने की ओर जा रहे हैं। लेकिन फोन करने वाले ने अपना नाम नहीं बताया। तब पुलिस का शक गहरा होने लगा। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों युवक को पकड़ लिया।
और पकड़े गए 30 बच्चे
पूछताछ करने पर चारों युवकों ने बताया कि वे नीट यूजी की परीक्षा में उम्मीदवारों को शामिल कराने ले जा रहे थे। उम्मीदवारों को रामकृष्ण नगर में ठहराया गया था। जहां पुलिस ने छापेमारी की तो वहां यूजी नीट की परीक्षा देने 30 उम्मीदवार पकड़े गए।
छापेमारी में मिला 35 लाख वाला इनपुट
बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने नीट के लीक पेपर और उसके जवाब के लिए 30 से 35 लाख रुपए दिए हैं। यहां उन्हें प्रश्न पत्र और आंसर शीट दिया जाना था। रात भर में सारे जवाब रटाए जाने थे। इसके बाद पटना पुलिस के कान खड़े हो गए। पुलिस ने इस मामले में अनुसंधान को आगे बढ़ते दानापुर नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंद्र सहित और नौ लोगों को हिरासत में ले लिया।
चार मई को रटाने थे उत्तर
सिकंदर यादवेंद्र ने पुलिस के पास पूछताछ के क्रम में स्वीकार किया कि चार मई को उम्मीदवारों को प्रश्न के उत्तर रटाये जाने थे। उन्हें परीक्षा केंद्र छोड़ने का काम सौंपा गया था। इसके बाद इस गिरोह के सदस्यों ने ठिकाना बताया था। पुलिस ने छापेमारी की। वहां पुलिस को पटना सेफ हाउस में 13 रोल नंबर मिले। घंटे भर के अंदर पुलिस नीट परीक्षा केदों पर पहुंच गई। पांच मई को परीक्षा आयोजित हुई।
पुलिस ने जब छापा मारा तो वहां जले हुए प्रश्न पत्र मिले
छह मई को सिकंदर यादवेंद्र के घर पुलिस ने जब छापा मारा तो वहां जले हुए प्रश्न पत्र मिले। पुलिस को पूरा इनपुट मिलने लगा तो पुलिस ने 13 लोगों को हिरासत में ले लिया। मामला बिहार आर्थिक इकाई को सौंप दिया गया।
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