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मानसून शुरू हो गया है। ऐसे में बारिश के सीजन में सज्जनगढ़ बायाेलॉजिकल पार्क में वन्यजीवाें का खान-पान भी बदल जाएगा। मांसाहारी जानवरों काे डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए अब ग्लूकाेज और इलेक्ट्रॉल नहीं देंगे। भालू काे भी आइसक्रीम की जगह दूध व माैसमी फल दि
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बायाे पार्क के पशु चिकित्सक डाॅ. हिमांशु व्यास ने बताया कि बरसात के दाैरान जानवरों के पेट में कीड़े पड़ जाते हैं। इससे बचाव के लिए सभी वन्यजीवाें काे कृमिनाशक दवा दी जाएगी। मानसून के बीच वन्यजीवों की डाइट में यह बदलाव जुलाई माह से शुरू होगा।
मांसाहारी को मांसपेशी वाला नॉनवेज, शाकाहारी को छंटा हुआ रजका
- वन्यजीवों की डाइट में यह बदलाव जुलाई माह से शुरू होगा, विशेष निगरानी भी रहेगी।
- शाकाहारी के लिए दलिया सहित सूखे खाद्य पदार्थ 1 माह की जगह अब 7 दिन में मंगाएंगे।
शेर, बाघ, गीदड़, तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यजीवों काे अब मांसपेशियाें वाला नाॅनवेज दिया जाएगा। लीवर वाले मांस में कीड़े हाेने की आशंका रहती है। इसलिए इसका उपयोग नहीं किया जाएगा।
अब शाकाहारी जीवों को रजका भी छांटकर दिया जाएगा, क्योंकि बारिश के दाैरान रजके के साथ खरपतवार भी आ जाती है। इसे खाने से पेट दर्द, दस्त जैसी शिकायत हो सकती है। इनके खाने के काम आने वाले गेहूं की चापड़, दलिया, बाजरा सहित सूखे खाद्य पदार्थों का स्टाॅक अब हर सप्ताह मंगवाएंगे। क्योंकि माैसम में नमी से यह सामग्री जल्दी खराब हाे जाती है। गर्मी में यह एक माह में मंगाई जा रही थी।
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