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मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय काफी चर्चा में बना हुआ है। यहां दो बड़े ऐसे कांड हुए हैं जिसके बाद इसकी जांच के लिए कमेटी बनानी पड़ी है। दरअसल हाल ही में यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट में छात्रों द्वारा एक अतिथि शिक्षक पर धर्मांतरण के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया गया था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी को लेकर एक दर्जन से अधिक छात्रों ने इसी विश्वविद्लाय के गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर कथित तौर से लड़कियों को उठाकर ले जाने और रेप की धमकी दी थी।
अब इन दोनों मामले में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश पांडे ने एक जांच टीम बना दी है। इसमें एक महिला प्रोफेसर को शामिल किया गया है। फार्मेसी डिपार्टमेंट में छात्रों के धर्मांतरण के लगाए आरोप पर अतिथि टीचर के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है और व्हाट्सएप ग्रुप की चैटिंग साइबर टीम को जांच के लिए भेजी गई है। बताया है रहा है कि गर्ल्स हॉस्टल में हुए कांड में कुछ छात्राओं द्वारा प्रयोग किए गए असभ्य भाषा वाले वीडियो भी कुलपति को मिले हैं। इस मामले में भी महिला प्रोफेसर की जांच टीम को हॉस्टल भेजा गया है और जल्द ही लड़कियों के परिवारजनों को बुलाया जाएगा।
पहला मामला विक्रम विश्वविद्यालय के फार्मेसी डिपार्टमेंट का है। यहां शुक्रवार को फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने डिपार्टमेंट में ताला लगाकर जमकर हंगामा मचाया था और एक मुस्लिम गेस्ट टीचर के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप में धर्मांतरण की कोशिश कराने और इस्लामिक शिक्षा दिए जाने के आरोप लगाए थे। हंगामे को देखते हुए मौके पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश पांडे मौके पहुंचे और 15 दिनों के लिए अतिथि शिक्षक पर डिपार्टमेंट में आने के लिए प्रतिबंध लगा दिया। पूरे मामले की जांच के लिए साइबर टीम को व्हाट्सएप चैट भेजी गई।
प्रोफेसर पर कई आरोप
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश पांडे द्वारा धर्मांतरण के आरोप पर जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में पुलिस को भी साइबर से चैटिंग की जांच कराने के लिए कहा गया है। मामले में जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई करने की बात कुलपति द्वारा की गई है। बता दें की चार दिन पहले अतिथि टीचर अली शेख को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। छात्रों ने उन पर पक्षपात करने, अपने समुदाय के छात्र-छात्राओं को पास करने के साथ-साथ हिंदू लड़कियों के नंबर बांटने, नमाज का महत्व बताने और धर्म परिवर्तन पर जोर दिए जाने के आरोप लगाए थे।
छात्राओं के हॉस्टल में हंगामा
विक्रम विश्वविद्यालय का ही दूसरा मामला विधोत्मा गर्ल्स हॉस्टल में एक दर्जन से अधिक छात्रों के घुसने और उनके द्वारा धमकाने से जुड़ा हुआ है। इस मामले में छात्राओं ने उज्जैन के माधव नगर थाने पर एक शिकायती आवेदन सीएसपी दीपिका शिंदे को दिया था। जिस पर पुलिस जांच-पड़ताल के बाद कार्रवाई की बात कर रही थी। मंगलवार को छात्रों को बयान दर्ज कराने के लिए थाने में बुलाया गया था। जहां पर छात्राओं ने छात्रों के माफी मांगने पर किसी भी कानूनी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था और लिखित रूप से छात्रों से माफीनामा लिखवाया गया था। पुलिस ने छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए और दोनों पक्षों में समझौते के बाद हिदायत देकर मामले को समाप्त कर दिया था।
अब मिली जानकारी के अनुसार विक्रम विश्वविद्यालय की हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं की कुछ चैटिंग व वीडियो विश्वविद्यालय प्रशासन को मिले हैं। जिसमें उनकी असभ्य भाषा सामने आई है। इसे लेकर कुलपति अखिलेश पांडे ने छात्राओं के परिजनों को भी इसकी सूचना दी है और उन्हें जल्द विश्वविद्यालय से संपर्क करने के लिए कहा है।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति अखिलेश पांडे दोनों ही मामले में सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने दोनों ही मामलों को लेकर जांच कमेटी गठित की गई है। पहले मामले में कुलपति ने अतिथि प्रोफेसर को 15 दिनों के लिए डिपार्टमेंट से बाहर किया है तो दूसरे मामले में हॉस्टल की वार्डन को भी जल्द हटाने की बात कही है।
रिपोर्ट : विजेन्द्र यादव
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