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बाड़मेर से सुबह साढ़े 8 बजे गायब हुए 3 बच्चे शाम को करीब 7 बजे नागौर रेलवे स्टेशन पर मिले। तीनों बच्चे बाड़मेर में ट्यूशन के लिए निकले थे, जो मामा के साथ ट्रेन से जोधपुर होते हुए नागौर पहुंच गए।
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नागौर जीआरपी इंचार्ज रामेश्वरसिंह राहड़ ने बताया- तीनों बच्चे स्वस्थ हैं, उनको जीआरपी चौकी में बिठाकर पानी पिलाया गया और बिस्किट खिलाए गए। बच्चाें के परिजनों को खबर दे दी है।
विभागीय ग्रुप के जरिए मिली सूचना
उन्होंने बताया कि बाड़मेर से बच्चों के गायब होने की सूचना विभागीय ग्रुप के जरिए मिल गई थी। इसके बाद बाड़मेर या बाड़मेर के किसी भी लिंक से नागौर आने वाली सभी ट्रेनों की सघन तलाशी ली गई। दोपहर में बाड़मेर से ऋषिकेश जाने वाली ट्रेन पहुंची तो उसकी भी तलाशी ली लेकिन बच्चे नहीं मिले।
शाम को जोधपुर से बठिंडा जाने वाली ट्रेन जब नागौर रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो ये 3 बच्चे यहां उतरे। बच्चों के साथ कोई नहीं था, ऐसे में शक हुआ। बच्चों के पास जाकर बाड़मेर से गायब बच्चों की फोटो मिलाई तो पहचान हो गई। इसके बाद तीनोें बच्चों को नागौर जीआरपी चौकी लाया गया। यहां कॉन्स्टेबल सुमित्रा ने बच्चों को ठंडा पानी पिलाया और बिस्किट खिलाए। इसके बाद बच्चों से पूरी बात पूछी तो जीआरपी कार्मिक भी हैरत में पड़ गए।
बहन के पास पढ़ने गया था भाई
गायब हुए बच्चों की उम्र 11, 8 और 5 वर्ष हैं। इनमें से 11 वर्षीय बच्चे ने बताया कि वो नागौर में झोरड़ा गांव के पास एक गांव का रहने वाला है। उसकी बहन उसे पढ़ाने के लिए अपने साथ बाड़मेर ले गई थी। उसकी बहन के पति बाड़मेर में शराब के ठेके पर सेल्समैन का काम करता है। लेकिन बच्चे का बाड़मेर में मन नहीं लग रहा था। आज सुबह बहन ने अपने दोनों बच्चों को ट्यूशन के लिए भेजा और 11 वर्षीय मामा को भी साथ में भेजा।
इस दौरान एक काले स्कूल बैग में दोनों बच्चाें की पाठ्य सामग्री और एक टिफिन रखा था। किशोर उन बच्चों को ट्यूशन टीचर की बजाय बाड़मेर रेलवे स्टेशन ले गया और वहां से नागौर जाने के लिए सुबह साढ़े 8 बजे चलने वाली ट्रेन में चढ़ गए, लेकिन ट्रेन के किसी यात्री से चर्चा में ये सुन लिया कि ये ट्रेन छोटे स्टेशनों पर नहीं रूकती, इसलिए तीनों जोधपुर रेलवे स्टेशन पर उतर गए।
करीब तीन घंटे इन बच्चों ने जोधपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर बिताए। इसके बाद जोधपुर से बठिंडा जाने वाली ट्रेन में सवार होकर नागौर पहुंच गए। यहां जीआरपी चौकी इंचार्ज रामेश्वरसिंह राहड़ ने वॉट्सऐप ग्रुप में सुबह आई फोटो के आधार पर इन्हें पहचान लिया। इस दौरान जीआरपी स्टाफ के सुमित्रा, रामावतार ने बच्चों को ठंडे कूलर में बिठाया और प्यार से बात की, ताकि बच्चे डरें नहीं। इसके बाद बच्चों के घरवालों को खबर दी गई।
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