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मध्य प्रदेश में वनों की अवैध कटाई, अतिक्रमण और अवैध उत्खनन और वन क्षेत्र में लगने वाली आग को कंट्रोल करने के लिए वन विभाग ने 2047 तक के लिए प्लान बनाया है।
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जिसके तहत रेंजर्स को ड्रोन, आधुनिक शस्त्रों और वाहनों से लैस करेगा। इसके साथ ही 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बिगड़े वनों को सघन वन के रूप में डेवलप किया जाएगा।
वन विभाग इसके साथ ही टाइगर रिजर्व एरिया में 500 होम स्टे तैयार कराएगा, जिससे वहां लोगों को रोककर स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ प्रदेश के वन पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा सके।
वन विभाग ने यह प्लान आजादी के सौ साल पूरे होने पर वर्ष 2047 तक किए जाने वाले कार्यों की कार्ययोजना के तहत तैयार किया है। इसके लिए इसी साल से वन विभाग के अधिकारी प्लान पर एग्जीक्यूशन की कार्यवाही भी करेंगे।
सीएम द्वारा वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इस कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी, और क्रमबद्ध इस पर अमल के लिए प्रोजेक्ट तैयार कराए जाएंगे।
विभाग ने यह भी तय किया है कि प्रदेश के 20 लाख हेक्टेयर बिगड़े वन क्षेत्र को सघन वन क्षेत्र में विकसित करने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में काम कर रही 15608 वन समितियों और 11595 पेसा समितियों के काम में और तेजी लाकर उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया जाएगा। वन महकमे ने इसके लिए मिशन 2047 का प्लान तैयार कर शासन को भेज दिया है।
मिशन 2047 के लिए इन कार्यक्रमों पर होगा फोकस
- 200 नगर वन प्रदेश के वन क्षेत्रों में बनाए जाएंगे।
- इको टूरिज्म के लिए वन क्षेत्रों में पहुंच वाले 500 इलाकों को चिन्हित कर उन्हें डेवलप किया जाएगा।
- टाइगर रिजर्व एरिया में पहुंच वाले स्थानों पर 500 होम स्टे डेवलप किए जाएंगे ताकि लोगों को वन पर्यटन के दौरान रुकने का इंतजाम हो सके।
- वन क्षेत्रों में पांच करोड़ पौधे लगाए जाते हैं। वन विभाग वन क्षेत्र से बाहर एक करोड़ पौधे अलग से आने वाले समय में लगाएगा।
- 6300 हेक्टेयर एरिया में बांस रोपण किया जाएगा। इस पर 21.55 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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