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शहडोल के मेडिकल कॉलेज में शव का पोस्टमार्टम कराने से पहले परिजनों को बाजार के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। दरअसल मेडिकल कॉलेज का मर्चुरी विभाग अवस्थाओं से जूझ रहा है। परिजन शव को मर्चुरी में रखने के बाद बाजार जाते हैं। वहां से पोस्टमार्टम से संबंधित वस्त
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इस अव्यवस्था की शिकायत कई बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को हुई। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि मेडिकल कॉलेज शहडोल में हर दिन पोस्टमार्टम होते हैं। इस लापरवाही के कारण परिजन परेशान हो रहे हैं।
मंगाते हैं पॉलिथीन, स्प्रे और अगरबत्ती
मेडिकल कॉलेज के मर्चुरी में एक शव का पोस्टमॉर्टम होना था। परिजन उमरिया के चौरी गांव से आए हुए थे। शव को मर्चुरी के अंदर रख दिया गया था। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने परिजनों से पॉलिथीन, स्प्रे और अगरबत्ती की मांग की। परिजन शव छोड़कर सामान लेने पहले बाजार गए। उसके बाद जब सामान लेकर दिया तब पोस्टमार्टम हो सका।
नहीं खुलता मर्चुरी का मुख्य प्रवेश द्वार
मर्चुरी के लिए एक बड़े भवन का निर्माण कराया गया है। भवन में कई प्रकार की सुविधाएं भी हैं। वहां तैनात कर्मचारी इन सुविधाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। मर्चुरी में परिजनों के बैठने के लिए एक बड़े हॉल, पंखा और कुर्सियों की व्यवस्था की गई है, लेकिन कर्मचारियों ने मर्चुरी के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही ताला जड़ रखा है, जिस कारण मर्चुरी के बाहर बैठकर इंतजार करते हैं।
अधिकारी नहीं करते वहां का दौरा
मेडिकल कॉलेज के प्रभावित मरीज के परिजनों ने बताया कि मेडिकल के अधिकारी मर्चुरी विभाग का लगातार निरीक्षण नहीं करते हैं, जिस कारण उन्हें वहां फैली अव्यवस्था के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं होती है। सिक्योरिटी गार्ड समेत अन्य कर्मचारी अपनी मर्जी से ही गेट में ताला लगाकर रखे हैं।
इस बात की जानकारी नहीं थी
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉक्टर नागेंद्र सिंह में कहा कि परिजनों से कोई सामान बाहर से बुलवाना ठीक नहीं है। प्रबंधन के पास पोस्टमार्टम से संबंधित सभी वस्तु उपलब्ध हैं। मुख्य प्रवेश द्वार का ताला भी खुलवाया जाएगा।
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