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नगर निगम आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा नगर निगम के 3 वेंडिंग जोन में स्टॉलों के वितरण में फर्जीवाड़े की जांच 2 महीने बाद भी फाइलों में दबी पड़ी है। न तो दोषियों का पता किया गया न ही कार्रवाई की गई। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट तक नहीं दी है। सवाल उठाने वाले पार्षद अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
शहर में ठेल और फड़ विक्रेताओं को व्यवस्थित करने के लिए नगर निगम ने वेंडिंग जोन बनाए हैं। इनमें से कारगिल पेट्रोल पंप के निकट 30, राजामंडी चौराहे पर 25 और खंदारी पर 35 स्टाल का निर्माण कराया गया। इनके लिए पात्रों का चयन किया जाना था। स्टाल उन्हीं को मिलनी थीं, जो फड़ या ठेल पर बिक्र्री करते हैं। इन जोन के अलावा भी कई स्थान पर वेंडिंग जोन बनाए जोन की प्रक्रिया चल रही है।
फरवरी में खंदारी, कारगिल और राजामंडी जोन में लाभार्थियों की चयन प्रक्रिया पूरी की गई थी। मगर, पार्षद सुनील शर्मा ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वेंडिंग जोन का फायदा आज तक ठेल-फड़ विक्रेताओं को नहीं मिल सका। आरोप लगाया कि आवेदकों और उस क्षेत्र में कार्य करने वालों को दरकिनार कर दिया गया। इसकी शिकायत पर नगर आयुक्त ने जांच के आदेश दिए थे। मगर, 2 महीने का समय बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है। आवेदन करने वाले भटकने के लिए मजबूर हैं।
सत्यापन के बाद होना था आवंटन
पार्षद का कहना है कि स्टॉलों का वितरण सत्यापन के बाद होना था। जो लोग ठेल और फड़ विक्रेता हैं, उसका पता किया जाना चाहिए। जिस क्षेत्र के हैं, उन्हें उसी क्षेत्र में जगह मिलनी चाहिए।
अपर नगर आयुक्त से करा रहे जांच
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि वेंडिंग जोन की चयन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है। मनमाने ढंग से स्टाल वितरण के आरोपों की जांच अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव से कराई जा रही है। उनसे रिपोर्ट मांगी गई है। अगर, वितरण में किसी तरह की अनियमितता की पुष्टि होती है तो जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की जाएगी।
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