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चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करते हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।
हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) के तहत मिलने वाली सभी नौकरियों पर कोई संकट नहीं है। हरियाणा सरकार पूरी तरह से युवाओं के साथ खड़ी है। यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का। हरियाणा में सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक-आर्थिक आ
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि भाजपा की हरियाणा सामाजिक और आर्थिक नीति अंत्योदय पर आधारित है। इसके तहत नौकरियों में शामिल हुए हजारों युवाओं के साथ सरकार पूरी तरह से है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सीईटी परीक्षा पर कोई प्रश्नचिह्न नहीं है। कांग्रेस के लोग इस फैसले पर गंदी राजनीति कर रहे हैं। हमारी सरकार गरीबों की लड़ाई लड़ रही है। हम विधानसभा में रिव्यू पिटीशन या बिल लाकर इसे कायम रखेंगे।
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ा रही
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस सीईटी पर भ्रम फैला रही है। हमारी सरकार गरीबों के हक की लड़ाई लड़ रही है। अंत्योदय की भावना से जिन गरीबों को लाभ दिया गया है, उनके साथ खड़ी है। लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान किसी गरीब परिवार को नौकरी नहीं दी गई।
हमारी सरकार ने ऐसे लोगों को नौकरी दी जो अनाथ हैं, परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है, अगर इस योजना के लाभ से उनके घर में चिराग जले हैं तो कांग्रेस के लोग किस बात से उत्साहित हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ा रही है।
कांग्रेस ने भाई-भतीजावाद से नौकरियां दीं
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भाई-भतीजावाद से नौकरियां दी जाती थीं। क्षेत्रवाद और जातिवाद हावी था। नौकरियों की नीलामी होती थी। जिसके पास ज्यादा पैसा और रसूख था, उसे नौकरी मिल जाती थी। कांग्रेस के राज में युवाओं में हताशा थी।
युवा पढ़ाई करने की बजाय इधर-उधर भागने में व्यस्त रहते थे। उनके नेता उन्हें आस-पास के गांवों के लोगों के साथ घुमाते थे। गरीब लोग जिनके पास पैसे नहीं थे, वे सिर्फ वोट के लिए थे। एक भी गरीब बच्चे को सरकारी नौकरी नहीं दी गई, जिसके पास पैसे नहीं थे। लेकिन आज भाजपा सरकार ने योग्यता के आधार पर एक लाख 32 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है।
कांग्रेस के समय में सिफारिशें ढूंढते थे, हमारे समय में लाइब्रेरी ढूंढते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज युवाओं में एक नई उम्मीद और विकास का संचार हुआ है। अब नौकरी के लिए किसी नेता के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ता है। आज युवा सिर ऊंचा करके स्वाभिमान के साथ नौकरी कर रहे हैं। पहले युवा सिफारिशें ढूंढते थे, आज वे लाइब्रेरी ढूंढते हैं।
कांग्रेस और हमारी सरकार में यही अंतर है। 7 दिसंबर 2018 को हमारे हाईकोर्ट की डबल बेंच ने हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई सामाजिक-आर्थिक नीति के तहत दिए जाने वाले 5 सूत्रीय प्रारूप की प्रशंसा की थी। लेकिन कांग्रेस भर्ती रोको गैंग के तहत अड़चनें पैदा करती रही है। कांग्रेस भ्रम न फैलाए। हमने सरकारी नौकरियां देते समय प्रदेश के गरीब परिवारों का ध्यान रखा है।
मुख्यमंत्री ने सुरजेवाला पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के एक नेता के पास अधूरी जानकारी है। वह फैसलों की जड़ में जाने की बजाय भ्रम फैलाते हैं। पहले कांग्रेस सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। यह नेता कांग्रेस कार्यकाल में मंत्री भी रह चुके हैं। सैनी ने कहा कि सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि ग्रुप डी में 13 लाख 50 हजार ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसमें कुल 13 हजार 557 पद थे।
सुरजेवाला ने सही बात कही, हम गलत नहीं कह रहे। लेकिन मैं सुरजेवाला को बताना चाहता हूं कि 13 लाख 50 हजार अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। साढ़े नौ लाख युवाओं ने पेपर दिया और 4 लाख 20 हजार क्वालिफाई हुए। सीईटी का पेपर तीन साल के लिए वैध होता है।
जरूरत पड़ने पर हम सीईटी से बच्चों को लेकर नौकरी देते हैं। ऐसे 11 हजार युवा नौकरी में आ चुके हैं। इसमें से 2657 छात्र ऐसे थे, जिन्हें ज्वाइन करना था, लेकिन हमने रिजल्ट रोक दिया था। जो 11 हजार छात्र जुड़ गए हैं, उनको कोई परेशानी नहीं है। इसी तरह ग्रुप सी में CET क्वालिफाई करने वाले सभी छात्रों को हमने नौकरी दी है।
आइए समझते हैं क्या है CET
हरियाणा की खट्टर सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े आवेदकों को 5 बोनस अंक देने का फैसला किया था। यह फैसला 5 मई 2022 से लागू हो गया। इसके तहत ऐसे परिवार के आवेदक को 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ मिलता है, जिसका कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है और परिवार की आय 1.80 लाख रुपये सालाना से कम है।
हरियाणा सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवारों को बोनस अंकों का लाभ दिया था। यह लाभ सिर्फ राज्य के परिवार पहचान पत्र (PPP) वाले युवाओं को मिला था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वर्ष 2023 में जारी ग्रुप सी और डी में नियुक्ति पाने वाले 23 हजार युवाओं को दोबारा परीक्षा देनी होगी। अगर वे पास नहीं हो पाते हैं तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। उन्हें नियुक्ति भी भर्ती वाले साल में ही दी गई थी।
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