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मैं, ओडिशा की रहने वाली हूं। सालों पहले मुझे लाकर कमलेश ने बंधक बना रखा है। वह मुझसे भीख मंगवाता और रोज पीटता है। उसी ने इस महिला की हत्या की है, जिसका फोटो आप दिखा रहे हो। पहले इस रस्सी से उसका गला घोंटा, फिर अपने दोस्त इमरान के यहां से सतूर (मांस क
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आरती ने इशारों में बताया कि हमारा घर रेलवे ट्रैक के आउटर पर है, इसलिए पति को हर ट्रेन की जानकारी है। वह ट्रेनों में चोरियां करता था और कैटरिंग वालों के साथ काम करता था। तीन-चार बार चोरी में पकड़ा जा चुका है। कई बार घर पर लड़कियों और महिलाओं को लाकर गलत काम कर चुका है, लेकिन मैं उसकी पिटाई के आगे कुछ नहीं बोल पाती। मैंने भी दो-तीन बार भागने का प्रयास किया तो वह मुझे पकड़ लाया और फिर रातभर पीटा।
आरोपी नकाब में… वारदात बेनकाब, टाइमलाइन से समझें पूरी घटना
{6 जून को पति से विवाद के बाद महिला रतलाम जिले में स्थित घर से निकली। राशन दुकान से अनाज लिया और फिर उसे बेचकर हाइवे से बस में बैठकर उज्जैन पहुंची। {दोपहर 2.30 बजे उज्जैन रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां कमलेश बैठा हुआ था। महिला ने उससे मथुरा की ट्रेन का पूछा तो आरोपी बोला ट्रेन चली गई है। तुम मेरे घर चलो वहीं रातभर रहना सुबह ट्रेन में बैठ जाना। {शाम 4 बजे कमलेश की पत्नी आरती पहुंची। उसने महिला का पूछा तो वह बोला रिश्तेदार है। {रात 8 बजे तीनों ने खाना खाया और सो गए। {7 जून की सुबह आरोपी ने शिप्रा से भोजन और नींद की गोली खरीदी। दूध में मिलाकर महिला को गोली दी। {1 घंटे बाद पत्नी को भीख मांगने भेज दिया। तब तक महिला बेसुध होने लगी तो वह हरकत करने लगा। विरोध किया तो उसके सिर पर बोल्ट से वार किया तो वह बेहोश हो गई। {2-3 घंटे बाद पत्नी लौटी तो उसे सुला दिया। फिर वह रस्सी से महिला का गला घोंटने लगा तो पत्नी जाग गई। उसी के सामने महिला की हत्या कर दी। {2 घंटे बाद दोस्त के यहां से संतूर लाया। रात को पत्नी कमरे से बाहर गई तो दरवाजा लगाया। फिर महिला के शव को बाथरूम में ले गया। 4.30 घंटे तक शव को काटता रहा। पत्नी यह सब खिड़की से झांककर देखती रही। फिर शव को ट्राली बैग व दो बोरियों में भरा। {8 जून की सुबह घर के बाहर खड़ी महू-नागदा ट्रेन में दो बोरियां रखी। तब तक ट्रेन चल दी तो वह उसी ट्रेन से उज्जैन स्टेशन पहुंच गया। {2 घंटे बाद वहां से लौटा, फिर आउटर पर ट्रेनें देखने लगा, लेकिन उस दिन एक भी ट्रेन रुक नहीं रही थी। {4 बजे बाद ऋषिकेश ट्रेन घर के सामने रुकी तो तीसरी बोरी (जिसमें महिला के हाथ-पैर थे) को रखा और उतर गया। फिर शाम को रामघाट जाकर पाप धोने के लिए शिप्रा में नहाया।
ऐसे आया पकड़ में
महिला का मोबाइल रिसीव किया, फिर अपनी सिम डाली
आरोपी ने कबूला कि जब महिला उसे मिली तो पहले अपने आधार नंबर से एक सिम दिलवाई, लेकिन वह चली नहीं। जब उसकी हत्या के बाद रतलाम थाने पर गुमशुदगी दर्ज हुई तो महिला के नंबर पर एक पुलिस वाले का फोन आया। आरोपी की आवाज पतली है, इसलिए उसने महिला की आवाज में बात की और कहा कि मैं मथुरा से बोल रही हूं ये रांग नंबर है। घटना के तीन-चार दिन बाद उसने अपनी सिम लगाई और निकाल ली। इसी लोकेशन से जीआरपी ने उसे ट्रेस किया।
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