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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता की पिछले साल पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में हत्या कर दी गई थी, लेकिन उसके परिवार को पुलिस से कोई सहायता नहीं मिल रही है। भाजपा की इस महिला कार्यकर्ता का नाम ममता यादव था। प्रदेश के अशोक नगर जिले की रहने वाली ममता के परिवार के अनुसार, वह सितंबर 2023 में अपने सात लाख रुपए वापस लेने के लिए रमापति द्विवेदी नाम के एक व्यक्ति से मिलने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी, जिसके बाद चंदेरी पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई।
परिवार ने दावा किया कि लगभग उसी समय उत्तर प्रदेश के मांडा थानाक्षेत्र में एक शव मिला था, लेकिन पुलिस ने उसे दफना दिया क्योंकि वह उसकी पहचान नहीं कर पाई थी। परिवार ने दावा किया कि ममता का भाई इस साल फरवरी में उत्तर प्रदेश गया और उसने (संभवतः तस्वीरों के आधार पर) शव की पहचान की और कहा कि वह उसकी बहन का शव है।
परिवार के अनुसार, लगभग 35 वर्षीय ममता अशोक नगर जिले में भाजपा के एक मंडल की एक पूर्व पदाधिकारी भी थी। चंदेरी थाने के निरीक्षक मनीष जादौन ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस ने शव की पहचान के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को एक पत्र लिखा है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने यह मामला तब उठाया जब परिवार ने उनसे संपर्क कर कहा कि उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है और उत्तर प्रदेश पुलिस शव को नहीं निकाल रही है। उन्होंने कहा, ‘मैंने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा है और मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख रहा हूं, जिसमें मांग की गई है कि मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी जाए या न्यायिक समिति गठित की जाए।’
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि ममता की हत्या में कई राजनीतिज्ञ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ममता ने एक व्यक्ति से 10 दिनों में 86 बार बात की थी, लेकिन पुलिस उस नंबर का पता नहीं लगा पाई। ममता की मां गीता बाई और भाई राजभान ने आरोप लगाया कि ममता की हत्या की गई है और वे उसके शव के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
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