अजित सिंह
ओबरा। स्थानीय नगर पंचायत के सभासदों द्वारा नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग को लेकर शनिवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर पत्रक सौपकर कार्यवाही की मांग किया। इस दौरान सभासदों ने बताया कि ओबरा नगर पंचायत अध्यक्ष मनमानी ढंग से नगर पंचायत को चला रहे हैं,साथ ही उनके द्वारा अपने करीबियों के वार्ड में ही कार्य कराया जा रहा है। इसे लेकर जनपद के उच्च अधिकारियों को पत्र दिए जाने के साथ जांच कराने को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया जा चुका है। इसके पश्चात भी कोई कार्यवाही अभी तक जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई। बताया कि बीते 13 जून 2023 से 31 मार्च 2024 तक कुल 30 से 35 करोड रुपए तक का भुगतान किया जा चुका है। बताया कि जांच को प्रभावित करने के उद्देश्य से बीते 14 जून की रात्रि 8 बजे के करीब एक बंडल फाइलों को नगर पंचायत कार्यालय से अध्यक्ष के आवास पर पहुंचाया गया। जिसे आमजन मानस द्वारा भी देखा गया था। इसकी सूचना अधिशासी अधिकारी को दिया गया।वहीं अधिशासी अधिकारी द्वारा बताया गया कि यह उनका अधिकार है। वह जहां चाहे फाइलों को मंगा सकती हैं। दूसरी ओर उप जिलाधिकारी द्वारा कहा गया की रात्रि में घर में फाइल मांगना उचित नहीं है। बताया कि नगर पंचायत में रखे गए 212 कर्मचारियों की सूची सार्वजनिक की जाए। अध्यक्ष के संपत्ति की जांच कराई जाए तथा एक ही कार्य का 60 लाख रुपये के दो बार हुए भुगतान की जांच कराई जाए। जैम,राज्य वित्त,15 वां वित्त की खरीदारी व निर्माण कार्यों की जांच कराया जाए। आरोप लगाया कि अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी की मिली भगत से ओबरा नगर पंचायत में बड़े पैमाने पर सरकारी धन का बंदर बाट किया जा रहा है।कहा कि नगर पंचायत ओबरा में कुल 18 सभासद है, जिनमें 11 सभासदों द्वारा वित्तीय अनियमित की जांच की मांग की गई है। पत्रक सौपने में विपुल शुक्ला, राजू साहनी, राकेश पासवान आदि सभासद शामिल रहे।