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कोर्ट ने प्रकाश और कमल हिंदुजा सहित उनके बेटे और बहू को 4.5 साल जेल की सजा सुनाई.आरोप है कि ये भारत से कुछ लोगों को काम के लिए ले गए और उनसे बहुत कम वेतन पर काम करवाया.परिवार ने अपने कुत्ते पर सालाना 8.5 लाख रुपये खर्च किए, जबकि एक नौकर को रोजाना बस 655 रुपये मिले थे.
जेनिवा. भारतीय मूल की हिंदुजा फैमिली को ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार में गिना जाता है. अब इस फैमिली के चार लोगों को स्विट्जरलैंड की कोर्ट ने साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई है. ये सभी धनकुबेर अपने घरेलू नौकरों पर ‘अत्याचार’ को लेकर मुश्किल में घिरे हैं. इन पर आरोप लगे कि वे भारत से कुछ लोगों को जेनेवा के अपने एक मैंशन में काम करने के लिए लाए थे.
स्विस प्रशासन का आरोप है कि हिंदुजा परिवार ने इन लोगों के पासपोर्ट रख लिए थे और इनके कहीं आने-जाने पर पाबंदियां लगा रखी थीं. इसके साथ ही इन्होंने उन लोगों से ज्यादा देर काम करवाएं और मेहनताने में रोजाना महज 8 डॉलर (करीब 650 रुपये) के हिसाब से पैसे दिए.
उधर हिंदुजा परिवार को मिली इस सजा के लिए उनके वकील की दलीलों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है, जिन्होंने कम सैलरी के आरोपों को नकारा ही नहीं. ऐसे में स्विस कोर्ट ने हिंदुजा परिवार के चार लोगों प्रकाश और कमल हिंदुजा सहित उनके बेटे अजय और बहू नम्रता को साढ़े चार जेल की सजा सुना दी.
हिंदुजा परिवार पर क्या-क्या आरोप
इस मामला में स्विस प्रशासन की तरफ से पेश सरकारी वकील य्वेस बेरतोसा ने कोर्ट में कहा, ‘उन्होंने (हिंदुजा परिवार ने) अपने एक कुत्ते पर एक नौकर से ज्यादा खर्च किया.’ उन्होंने बताया कि इस परिवार ने अपने एक कुत्ते के रखरखाव और खाने पर सालाना 10 हजार अमेरिकी डॉलर (साढ़े 8 लाख रुपये) खर्च किए, जबकि एक घरेलू नौकर को एक दिन में 18 घंटे काम करने पर रोजाना सिर्फ 7.84 डॉलर यानी केवल 655 रुपये मिले थे.
बेरतोसा ने बताया कि कई नौकरों को हफ्तों के सातों दिन काम करना पड़ता था और उन्हें वेतन भी स्विस फ्रैंक्स नहीं बल्कि भारतीय रुपये में मिलती थी.
हिंदुजा परिवार के वकीलों ने क्या कहा?
हिंदुजा परिवार के वकीलों ने कम सैलरी होने के आरोपों को नकारा नहीं है, लेकिन कहा है जो वेतन तय था, उसमें रहना और खाना भी शामिल था. वहीं ज्यादा देर तक काम करवाने के आरोपों पर उनके वकील ने कहा कि बच्चों के साथ फिल्म देखने को काम नहीं माना जा सकता है.
इन वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि जिन लोगों को पीड़ित बताया जा रहा है, वे लगातार कई मौकों पर हिंदुजा परिवार के लिए काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा, यह इस बात को दर्शाता है कि सभी काम के माहौल से संतुष्ट थे.
हालांकि कोर्ट ने इस आरोप को सच पाया कि हिंदुजा परिवार में काम करने वाले नौकरों के पासपोर्ट रख लिए गए थे. ऐसे में वह स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते थे. हिंदुजा परिवार के लिए यही बात मुश्किल बढ़ाने वाली रही, क्यों स्विस कानून में इसे मानव तस्करी माना जाता है. इसी वजह से हिंदुजा परिवार को साढ़े 4 साल जेल की सजा सुनाई गई.
कौन है हिंदुजा फैमिली
हिंदुजा समूह की नींव परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने रखी, जो अविभाजित भारत में सिंध के प्रसिद्ध शहर शिकारपुर में पैदा हुए थे. वर्ष 1914 में, वह मुंबई आ गए और वहां अपना कारोबार शुरू किया. धीरे-धीरे उनका कारोबार दुनिया के दूसरे देशों में भी फैलता गया. वर्ष 1919 में उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय कारोबार को बढ़ाते हुए ईरान में एक दफ्तार खोल लिया. 1979 तक हिंदुजा ग्रुप का हेड क्वार्टर ईरान में ही रहा. इसके बाद यह परिवार यूरोप चला गया.
परमानंद दीपचंद हिंदुजा के बाद उनके तीन बेटों- श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश हिंजुदा ने कंपनी संभाली. हिंदुजा परिवार ने ब्रिटेन में कई कीमती संपत्तियां खरीदीं, जिनमें रैफ्फल्स नाम का होटल भी है. यह होटल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट से कुछ ही मीटर दूर है.
हिंदुजा परिवार आज कई सारी कंपनियों का मालिक है, जिसमें कंस्ट्रक्शन, कपड़े, ऑटोमोबाइल, ऑयल, बैंकिंग और फाइनैंस जैसे सेक्टर भी शामिल हैं. हिंदुजा ग्रुप का कारोबार 47 अरब डॉलर के करीब है. उनका दावा है कि दुनियाभर में 2 लाख लोग उनकी कंपनियों में काम कर रहे हैं.
Tags: International news, World news
FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 08:10 IST
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