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सेना भर्ती से जुड़ी अग्निवीर योजना फिर चर्चा में है। कारण- झुंझुनूं लाेकसभा सीट से चुनाव हारे भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी ने हार के लिए अग्निवीर योजना को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, केंद्र सरकार योजना में बदलाव करने की तैयारी कर रही है।
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भास्कर ने देश को सर्वाधिक सैनिक देने वाले शेखावाटी क्षेत्र में पड़ताल की तो सामने आया कि यहां के युवाओं सहित कार्यरत व पूर्व सैनिकाें में याेजना काे लेकर नाराजगी है। शेखावाटी के युवा कॅरिअर के रूप में पहला ऑप्शन सेना भर्ती काे चुनते थे, अब विमुख हो रहे हैं। युवाओं का कहना है- नौकरी 4 साल के लिए यानी अस्थाई है, सेना भर्ती जैसे मान-सम्मान का भाव नहीं है।
इधर, डिफेंस कोचिंग संस्थानों में स्टूडेंट आने बंद हुए तो शेखावाटी के 200 में से ज्यादातर संस्थान बंद हो गए। अब 50 भी नहीं बचे। एक्स सर्विसमैन लीग से जुड़े पूर्व हवलदार कैलाश सुरा कहते हैं, चिड़ावा-झुंझुनूं पहले सेना भर्ती तैयारी के बड़े हब थे। अब 50 में से कुछ ही बचे हैं।
कोचिंग चलाने वाले पूर्व सैनिक सिक्योरिटी गार्ड के टेंडर लेते हैं, कुछ खेती कर रहे हैं। पूर्व सैनिक व कोचिंग संचालक विजय पूनिया कहते हैं, मैंने डिफेंस एकेडमी शुरू की तो 180 से ज्यादा युवा आते थे। अग्निवीर याेजना के बाद 10 भी नहीं आए तो कोचिंग बंद कर सोलर का काम कर रहा हूं।
पहले सेना भर्ती में जाते थे 50 हजार युवा, अब 10 हजार भी नहीं: पहले शेखावाटी से हर सेना भर्ती दाैड़ में 50 हजार युवा शामिल हाेते थे। अब 10 हजार भी नहीं। तब हर वर्ष शेखावाटी से 4-5 हजार युवा भर्ती हाेते थे। 2019 की भर्ती में दाैड़ के लिए 45 हजार टाेकन कटे थे। इस साल फरवरी में हुई 2023 की अग्निवीर भर्ती रैली में झुंझुनूं, चूरू, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ व अनूपगढ़ जिले से कुल 30 हजार युवाओं ने ही पंजीयन करवाया। इनमें झुंझुनूं जिले से 8 हजार युवा ही थे। भर्ती हाेने वालों में भी झुंझुनूं से 500 युवा ही थे।
ऐसा ही हाल चूरू, सीकर जिलाें का रहा। सेवानिवृत्त हवलदार कैलाश सूरा बताते हैं, पहले फौजी बनते ही शादी के रिश्ते आने लगते थे। अब युवा अग्निवीर बन जाए तो रिश्ता नहीं आता। बुडानियां के नरेश ने बताया, परिवार की तीन पीढ़ियां सेना में रह चुकी हैं लेकिन अब परिवार ने मुझे बीएसएफ में जाने का सुझाव दिया। मैंने तैयारी की और बीएसएफ भर्ती में सलेक्ट हाे गया।
- सीकर सांसद अमराराम ने चुनाव जीतने पर कहा था- संसद में पहला मुद्दा अिग्नवीर का ही उठाऊंगा।
शादी के रिश्ते नहीं आते, 150 कोचिंग संस्थान बंद
झुंझुनूं से चुनाव हारे भाजपा के शुभकरण चौधरी कह रहे हैं- मैं अिग्नवीर स्कीम के कारण हारा, एक दिन पहले भी स्कीम में बदलाव होता तो मैं जीत जाता…
सीधी बात: 18 हजार वोटों से हारे शुभकरण चौधरी से
Q. आप अग्निवीर योजना के कारण हारे?
अग्निवीर से युवाओं में निराशा पनप गई थी और भाजपा से दूरी बना ली। सेवारत सैनिकों के वोट भी कम मिले। इससे 18 हजार वोटों से हार हो गई।
Q. क्या भाजपा शेखावाटी की तीनों सीटें इसीलिए हारी?
-सीकर, चूरू व झुंझुनूं सीट सैनिक बहुल हैं। इसलिए व्यापक असर रहा।
Q. क्या अिग्नवीर योजना में बदलाव चुनाव से पहले होना चाहिए था?
-पहले ही बदलाव कर दिया जाता तो चुनाव जीत जाते। अब बदलाव होने से युवाओं और सैनिक परिवारों के मन में भाजपा सरकार के प्रति सहानुभूति वापस लौटेगी।
झुंझुनूं के 9 गांवों के 21 बूथों पर भाजपा को 24% वोट मिले, पहले 65% तक मिलते थे। पोस्टल बैलेट के 25343 में से भाजपा को 11264 व कांग्रेस को 11965 वोट मिले। जिले के सैनिकों के 30 हजार में से भाजपा को कांग्रेस से 2 हजार वोट कम मिले। पिछले दो चुनाव में 70% मिले थे।
शुभकरण चौधरी
“झुंझुनूं से चुनाव हारे भाजपा के शुभकरण चौधरी कह रहे हैं- मैं अग्निवीर स्कीम के कारण हारा, एक दिन पहले भी स्कीम में बदलाव होता तो मैं जीत जाता”
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