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दिल्ली4 मिनट पहले
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तस्वीर 11 जून की है, जब ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने दिल्ली में NTA हेडक्वार्टर के सामने दोबारा NEET एग्जाम कराने को लेकर प्रदर्शन किया था।
देश में एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 लागू हो गया है। NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतों के बीच केंद्र ने शुक्रवार-शनिवार (21-22 जून) की आधी रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम तीन साल जेल की सजा मिलेगी। इसे ₹10 लाख तक के जुर्माने के साथ पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।
परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ी में किसी सरकारी अधिकारी के शामिल पाए जाने पर उसे कम से कम तीन साल की सजा मिलेगी। यह 10 साल तक बढ़ सकती है। इसके अलावा ₹1 करोड़ का जुर्माना भी हो सकता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने 12 फरवरी को कानून को मंजूरी दी थी
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया।
इस कानून के दायरे में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की तरफ से आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं आएंगी।
4 साल तक के लिए एग्जाम सेंटर होगा सस्पेंड
एंटी-पेपर लीक कानून के तहत, अगर किसी गड़बड़ी में एग्जाम सेंटर की भूमिका पाई जाती है तो उस सेंटर को 4 साल के लिए सस्पेंड किया जाएगा। यानी उस सेंटर को अगले 4 साल तक के लिए कोई भी सरकारी एग्जाम कराने का अधिकार नहीं होगा।
एग्जाम सेंटर में नहीं मिलेगी हर किसी को एंट्री
ये कानून ऑर्गेनाइज्ड गैंग्स, माफिया और इस तरह के कामों में लगे हुए लोगों से निपटने के लिए लाया गया है। इसके साथ ही अगर सरकारी अधिकारी भी इसमें शामिल पाए जाते हैं, तो उनको भी अपराधी माना जाएगा। किसी भी ऐसे व्यक्ति को जिसे पब्लिक एग्जाम या उससे जुड़ा काम नहीं दिया गया है, उसे एग्जाम सेंटर में एंट्री नहीं दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने एंट्री-पेपर लीक कानून को लेकर शुक्रवार-शनिवार (21-22 जून) की रात अधिसूचना जारी की।
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