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अश्व अनुसंधान केंद्र पर हिंदी कार्यशाला का आयोजन
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बीकानेर | राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र परिसर में गुरुवार को हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता करते हुए प्रभागाध्यक्ष डॉ. एससी मेहता ने कहा की हमें हिंदी को सरल एवं लोकप्रिय बनाना है लेकिन अशुद्ध हिंदी को बढ़ावा नहीं देना है। कृत्रिम बुद्धिमता के दौर में विभिन्न भाषाओं को एक दूसरे में बदला जा सकता है लेकिन जब आप ऐसा करते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इससे हिंदी और क्लिष्ट न बन जाए, क्योंकि कोई भी भाषा लोकप्रिय तभी होगी है जब वह सरल हो।
मुख्य अतिथि अमित सिंह ने कहा कि अनुसंधान कार्य अधिकतर अंग्रेजी में ही प्रकाशित होते हैं लेकिन जब वह अपना मूर्तरूप लेकर आम जनता के योग्य बन जाता है तो उसका हिंदी में प्रकाशित एवं प्रसारित होना बहुत आवश्यक हो जाता है ऐसे में आकाशवाणी आज भी एक सशक्त माध्यम के रूप में उपलब्ध है। मुख्य हिंदी वक्ता महेश्वर नारायण शर्मा ने हिंदी के प्रसार में आकाशवाणी के प्रयास विषय पर व्याख्यान दिया। केंद्र के हिंदी अधिकारी कमल सिंह ने कार्यक्रम का संयोजन किया। कार्यक्रम में डॉ. राव, डॉ. कुट्टी, डॉ. जितेन्द्र सिंह, नरेन्द्र चौहान एवं केंद्र के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया ।
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