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अपराधी अमन साव को पलामू से गिरिडीह की जेल में शिफ्ट किया गया है। अमन पिछले एक साल से पलामू जेल में बंद था। यह दूसरी बार है जब उसे पलामू से गिरिडीह भेजा गया। दो साल पहले अमन साव ने पलामू सेंट्रल जेल के जेलर को धमकी दी थी। इस धमकी के बाद उसे पलामू से ग
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जेल से भी बढ़ रहा है आपराधिक दुनिया में अमन का कद
पलामू सेंट्रल जेल के जेलर प्रमोद कुमार ने अमन साव को गिरिडीह जेल ट्रांसफर करने की पुष्टि की है। अमन साव जेल में है लेकिन इसका कद अपराध की दुनिया में लगातार बढ़ रहा है। अमन साव का रिश्ता लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी जुड़ा है। अमन साव के खिलाफ राज्य के कई जिलों में मामले दर्ज है। एनआईए की टीम ने अमन के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें रांची में बुढ़मू स्थित अमन साव के घर, कांके के बुकरू में रिश्तेदार संजय प्रसाद और रामगढ़ के गिद्दी में एक अन्य रिश्तेदार के घर पर सुबह 5 बजे एक साथ पहुंची थी । बुढ़मू के मतवे गांव स्थित घर से काले रंग की फॉरच्यूनर (जेएच01ईभी 4900) जब्त की गई है। एसयूवी बुढ़मू थाने को सौंप दी गई है।
जेल से चला रहा है गिरोह
पहले अमन का मकान कच्चा और छोटा था। पिछले वर्ष नए घर का निर्माण कराया गया था। इसमें रंगदारी-लेवी के पैसे का इस्तेमाल हुआ है। अन्य ठिकानों से एनआईए को कई दस्तावेज और डिजीटल डिवाइस भी मिले हैं। जांच एजेंसी को सूचना मिली है कि अमन साव जेल से ही गिरोह चला रहा है। कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों और व्यवसायियों से रंगदारी वसूल रहा है। अवैध वसूली से रांची, रामगढ़, हजारीबाग और दूसरे राज्यों में भी अचल संपत्ति खरीदी है। रंगदारी के पैसे को वह कंस्ट्रक्शन कारोबार में लगा रहा है।
कोलियरी में हमले के बाद दर्ज किया था केस
लातेहार के सीसीएल के तेतरियाखाड़ कोलियरी में 18 दिसंबर 2020 को आगजनी व गोलीबारी की घटना हुई थी। अपराधियों ने चार ट्रक व एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया था। घटना में चार लोग जख्मी हो गए थे। इस घटना में शामिल अपराधी सुजीत सिन्हा व अमन साहू गिरोह के थे।
29 साल का अमन, 10वीं में 78% मार्क्स थे
कोर्ट में पुलिस के 20 पन्नों के दिए बयान के अनुसार गैंगस्टर अमन साहू, अमन साव के नाम से भी जाना जाता है। जन्म रांची जिले के मतवे, बुढ़मू गांव में साल 1995 में हुआ। वर्ष 2010 में उसने मैट्रिक की परीक्षा 78 फीसदी अंकों के साथ पास की। उसके बाद इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एवं कंप्यूटर साइंस में पंजाब के मोहाली से डिप्लोमा 62% अंक के साथ पास किया।
साल 2012 में जब वह घर आया था तब उसकी पहचान झारखंड जनमुक्ति मोर्चा के तत्कालीन सुप्रीमो कुलेश्वर सिंह से हुई और यहीं से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। एक कांड के दौरान वह 2015 में पहली बार जेल गया। जहां उसकी दोस्ती सुजीत सिन्हा एवं मयंक सिंह से हुई। यहीं से वह उग्रवादी संगठनों के अलावा दूसरे आपराधिक गिरोह के संपर्क में आया।
दोनो अपराधी जेल में बंद फिर कैसे कर रहे हैं साथ में काम
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और कुख्यात अपराधी अमन साहू दोनों जेल में बंद हैं। इसके बाद भी ये एक-दूसरे के संपर्क में कैसे आए, इसका खुलासा अभी नहीं हो सका है। एनआईए इसकी भी जांच कर रही है। एनआईए इस बात को पता करने में जुटी है कि दोनों अपराधियों के बीच संपर्क कराने वाला सूत्रधार कौन है। अमन साहू लेवी और रंगदारी वसूली के लिए कुख्यात है। उसके गिरोह के कई सदस्य कोयला कारोबारियों, बिल्डरों, ट्रांसपोर्टरों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहा है। अमन खुद भी खुलासा कर चुका है कि उसका लॉरेंस बिश्नोई से संबंध है। सोशल मीडिया पर अक्सर बातें होती हैं। उसका संबंध लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के साथ भी है। अब एनआईए यह जांच कर रही है कि क्या अमन साहू गिरोह बिश्नोई गिरोह को हथियार के साथ शूटर भी उपलब्ध करा रहा है।
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