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रेनवाल के हरसोली कस्बे में बुधवार को पिता के निधन होने पर बेटियों ने बिलखते हुए पहले पिता की अर्थी को कंधा दिया।
रेनवाल के हरसोली कस्बे में बुधवार को पिता के निधन होने पर बेटियों ने बिलखते हुए पहले पिता की अर्थी को कंधा दिया, बाद में मोक्ष धाम में मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया। समाजसेवी उदाराम ने बताया कि दानाराम अटोलिया की कुछ दिनों पहले अचानक तबीयत खराब ह
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बेटियों ने दी मुखाग्नि:
मिली जानकारी के अनुसार दानाराम के पुत्र नहीं होने पर उसकी 6 बेटियों ने मिलकर पहले कंधा दिया बाद में मोक्ष धाम में मुखाग्नि देकर पुत्र का फर्ज निभाया। आपको बता दे की 6 बेटियों की दानाराम ने पहले ही शादी कर दी थी, लेकिन दानाराम की अंतिम शव यात्रा को अंतिम चरण तक पहुंचाने के लिए पुत्र होना आवश्यक था लेकिन दानाराम की पुत्रियों ने सामाजिक बंधन और रीति रिवाज को तोड़ते हुए कहा कि मेरे पिता के पुत्र नहीं हुआ तो क्या हुआ हम बेटियां ही अपने पिता की अर्थी को कंधा देंगी।
इन बेटियों ने दिया कंधा:
पुत्र नहीं होने की परिस्थिति में छः बेटियां संतोष देवी (खाचरियावास) सुगना देवी, (प्रतापपुरा),सावित्री देवी(सांभर), पूजा देवी (नंगवाड़ा), कविता देवी (रिंगस), दीपिका देवी (रिंगस) ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देते हुए अंतिम शव यात्रा में शामिल हुई। मोक्ष धाम में बड़ी बेटी संतोष देवी ने पिता को मुखाग्नि दी। दानाराम के निधन से पत्नी मूली देवी और बेटियों का रो रो कर बुरा हाल हो गया।
बना चर्चा का विषय:
सामाजिक रीति रिवाज और बंधन तोड़कर बेटियों का अपने पिता को कंधा देकर मुखाग्नि देने का हरसोली कस्बे में नहीं रेनवाल उपखंड में चर्चा का विषय बना हुआ है। पिता की आर्थि को कंधा देने की मुहिम को जनप्रतिनिधियों ने भी सराहना की है। स्थानीय सरपंच रितु कुमावत, पूर्व सरपंच मूलचंद रेगर, पूर्व प्रधान दुर्गेश वर्मा, वर्तमान प्रधान संतोष वर्मा, पूर्व विधायक निर्मल कुमावत, कांग्रेस नेता राजेश ककरालिया, अंबेडकर सेवा संस्थान पूर्व अध्यक्ष भगत सिंह खांडेकर, रामनिवास खटनावलिया, बाबूलाल यादव उत्तर देहात मंडल अध्यक्ष सहित अनेक लोगों ने पिता की अर्थी को कंधा देने की पहल पर बेटियों की सराहना की है।
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