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मध्य प्रदेश पुलिस मवेशी तस्करों के खिलाफ एक्शन में है। बीते 6 महीने के भीतर पुलिस 7 हजार से अधिक गौवंश मुक्त करा चुकी है। गौवंश तस्करी से जुड़े एक हजार आरोपियों को जेल भेजा चुका है। तस्करों के 300 वाहनों को जब्त किया जा चुका है और 500 एफआईआर दर्ज की ज
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सीएम के निर्देश के बाद एक्शन में पुलिस
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पदभार ग्रहण करने के पश्चात दिसंबर 2023 में पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक के दौरान पुलिस को प्रदेश में गौवंश के अवैध परिवहन पर कठोरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। इन्हीं निर्देशों के तारतम्य में पुलिस ने विगत 6 माह में अवैध गौवंश से संबंधित कुल 575 प्रकरण पंजीबद्ध किए हैं। इन प्रकरणों में 1121 अपराधियों को गिरफ़्तार कर 7524 गौवंश की मुक्ति कराई जा चुकी है। इस कार्यवाही में अब तक अवैध रूप से परिवहन कर रहे 342 वाहन भी जप्त किए जा चुके हैं।
इन इलाकों में होती है सबसे ज्यादा तस्करी
पुलिस को अवैध परिवहन पर गोपनीय स्तर पर निगाह रखना आवश्यक था। इसलिए पुलिस मुख्यालय ने विगत 10 वर्षों के गौवंश के अवैध परिवहन के ट्रेंड और रूट्स का गहन विश्लेषण कर कार्ययोजना तैयार की। जिसके आधार पर पुलिस को यह स्पष्ट हुआ कि मप्र के दक्षिण व पश्चिम के सीमावर्ती जिले जैसे बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, नीमच आदि जिले गौवंश के अवैध परिवहन से सर्वाधिक प्रभावित हैं।
इस लिए चलाया जा रहा है अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा 11 जून 2024 को प्रदेश के सभी कलेक्टर एवं एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गौवंश के अवैध परिवहन पर विशेष कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया था। इन निर्देशों के परिपालन में पुलिस द्वारा विगत सप्ताह 13 से 20 जून 2024 तक पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर गौवंश के अवैध परिवहन पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की गई। इस अभियान के दौरान पूरे प्रदेश में 70 प्रकरण गौवंश के अवैध परिवहन के दर्ज किए गए। इसमें 124 आरोपियों पर कार्यवाही कर 38 वाहन जप्त किए गए तथा 528 पशु मुक्त कराए गए।
MP में गौवंश के लिए क्या है कानून
- मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में गौमांस एवं गौवंश के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
- अधिनियम में गौमांस एवं गौवंश को परिभाषित करते हुए उनके वध एवं अवैध परिवहन पर रोक लगाई गई है।
- इसी प्रकार से मध्यप्रदेश कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत भी गौवंश के वध पर प्रतिबंध है।
- पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम भी इसी प्रकार किसी भी पशु को पीटने, अत्यधिक सवारी करने, बोझा लादने व किसी भी प्रकार की पीड़ा या यातना देने पर रोक लगाता है।
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