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हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट, चंडीगढ़।
डॉग बाइट के केस में मुआवजा न मिलने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में शहर में बढ़ रहे डॉग बाइट के मामलों को लेकर दायर 193 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए 14 नवम्बर 2023 को आदेश जारी किए थे, जो अब तक लागू ही नहीं हो पाए। चंडीगढ़ प्रशासन ने
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लगभग 7 महीनों में शहर में डॉग बाइट के 40 से 50 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं, लेकिन किसी एक को भी मुआवजा नहीं मिला है। हाईकोर्ट ने एक दांत के निशान का 10000 और 1 लाख तक मुआवजा एक सेंटीमीटर मांस नोचने पर निर्धारित किया था, जो नगर निगम की ओर से दिया जाना था। इसकी रिकवरी बाद में कुत्ते के मालिकों से की जानी थी। 2017 में विधवा की याचिका को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए थे।
डीसी की अध्यक्षता में बननी थी कमेटी
इस मामले को लेकर डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जानी थी, जिसकी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई है। जन संपर्क अधिकारी का कहना है कि चुनाव आचार संहिता चलते अधिसूचना जारी नहीं हो पाई है, जिसे कर दिया जाएगा। 16 अगस्त, 2016 को शिव शंकर खुडालीशेर से साइकिल पर भाई रामआसरे से मिलने सैक्टर-10 जा रहा था। पंजाब व हरियाणा सचिवालय के पीछे सीआरपीएफ कैंप के नजदीक आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। रामआसरे को 7 जगह काटा था।
पत्नी रामदुलारी ने घर पर ही प्राथमिक इलाज किया, लेकिन हालत बिगड़ती गई। कुछ दिन बाद सैक्टर-16 अस्पताल में भर्ती किया, जहां हालत बिगड़ती देख पीजीआई रेफर कर दिया। पीजीआई में 12 सितम्बर को मौत हो गई और पोस्टमॉर्टम में भी रैबीज कारण बताया था।
बनाई जा चुकी है स्ट्रे डॉग पॉलिसी
31 अक्तूबर, 2012 को मैनेजमेंट ऑफ स्ट्रे डॉग पॉलिसी बनाई जा चुकी है। कोर्ट के आदेशों पर स्ट्रे डॉग प्रबंधन का काम शुरू किया जा चुका है। कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। 10 ट्रेंड डॉग कैचर, अधिकारी, 2 चालक रखें जा अ चुके हैं। कोर्ट में जो आंकड़े प्रशासन ने दिए हैं, उसमें 2019 मई तक चंडीगढ़ में 13995 आवारा कुत्ते बताए गए थे, जो 2012 में मात्र 7847 थे।
आदेश में कहा था कि सड़कों को आवारा पशुओं और कुत्तों से मुक्त किया जाए, लेकिन प्रशासन ने अमल नहीं किया। कोर्ट ने रामदुलारी मामले के समय 2015 में परमिंद्रजीत कौर को 10 लाख मुआवजा देने के 11 अगस्त, 2016 को जारी आदेशों का भी जिक्र किया था। याची के पति की सांड के हमले में मौत हो गई थी।
2 माह में पॉलिसी बनाए
हाईकोर्ट ने 2012 के एक अन्य मामले में सुनवाई का जिक्र करते हुए आदेशों में बताया कि प्रशासन को आदेश दिए थे कि 2 माह में ठोस पॉलिसी बनाए और निर्धारित करे कि आवारा पशुओं या कुत्तों के कारण हादसों में घायल या मौत होने पर मुआवजा कौन देगा और कितना होगा? 2012 में मैनेजमैंट ऑफ स्ट्रे डॉग पॉलिसी बनाई नगर निगम को नोटिस जारी किया था, लेकिन निगम ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि राम कुमार बनाम पंजाब सरकार मामला कोर्ट में है। इसलिए कोई आदेश पारित न किया जाए।
पुलिस ने की 174 की कार्रवाई
पुलिस स्टेशन 11 ने मामले में 174 की कार्रवाई कर मामला बंद कर दिया। रामदुलारी प्रशासन को रिप्रेजेंटेशन देते हुए मुआवजे की मांग की, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका कोई परिणाम दाखिल कर 30 लाख रुपए मुआवजे की मांग की थी।
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