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सिक्किम बाढ़ में फंसे लोग नदी नाले पार कर बाहर निकलते हुए।
सिक्किम में बादल फटने के कारण आई बारिश और बाढ़ के कारण देशभर से वहां पहुंचे पर्यटक फंस गए है। इनमें बांसवाड़ा शहर के लोग भी शामिल है। हालांकि बाढ़ के कारण सेना की ओर से अभियान चलाया गया, जिसके कारण फिलहाल आईटीबीपी- इंडियन तिब्बतियन बर्मा पोस्ट के कैं
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20 किमी पैदल किया सफरप्रणम ने बताया कि बुधवार को करीब 20 किमी का पैदल सफर किया। तब सुरक्षित जगह पहुंचे। रास्ते में हिमस्खलन के कारण पहाड़ों की बड़ी बड़ी चट्टानें सड़कों पर पड़ी हैं। जिन रास्तों से रेस्क्यू किया गया वहां मिट्टी भी इतनी चिकनी हैं कि वाहन चलाना तो दूर पैदल चलने के लिए भी एक दूसरे का सहारा लेना पड़ता हैं।प्रणम ने बताया कि उनके साथ उनकी पत्नी नीलम और बांसवाड़ा के हाउसिंग बोर्डव निवासी सुरेश पंचाल का परिवार है। जो फिलहाल सुरक्षित हैं। उम्मीद है इंडियन गवर्नमेंट और आर्मी के अलावा तिब्बत सरकार सभी को सुरक्षित यहां से निकाल लेंगे।
लोगों की मदद करते स्थानीय पुलिस के जवान।
9 जून को सिक्किम के लिए हुए थे रवाना
पीड़ित एडवोकेट प्रणम जैन ने बताया कि वो 9 जून को सिक्किम के लिए बाहुबली नगर स्थित घर से निकले थे। 12 जून को तिब्बत की पहाड़ी पर पहुंचे और 13 जून को घाटी से उतरते वक्त बाढ़ और तेज बारिश ने रास्ता रोक दिया। रॉक स्लाइडिंग के कारण रास्ते बंद कर दिए। उनके साथ उनकी पत्नी नीलम भी हैं।
प्रणम ने अपने निजी संपर्क से तिब्बत मिलिट्री में संपर्क किया और फिर उन्हें आईटीबीपी कैंप में ले जाया गया। चुंबथांग एसडीएम से मिलकर बाहर निकलने में मदद भी मांगी। इस पर उन्हें मौसम साफ होने और पानी उतरने पर बाहर निकालने का भरोसा दिलाया गया। जानकारी के अनुसार वहां फंसे लोगों की दिक्कत यह भी है कि फोन के सिग्नल काम नहीं कर रहे है। काम सभी नेटवर्क फेल हो चुके हैं। केवल एक बीएसएनएल का नेटवर्क वर्किंग में है, लेकिन वह भी ऊंचाई पर ही काम कर रहा है।
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