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अखिलेश यादव व राहुल गांधी।
– फोटो : amar ujala
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यूपी में विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस-सपा का गठबंधन महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव पर निर्भर करेगा। अगर कांग्रेस इन दो राज्यों में सपा को सीट देने के लिए तैयार हुई, तभी सपा यूपी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के किसी दावे पर विचार करेगी। यूपी में शीघ्र ही विधानसभा की 10 रिक्त सीटों पर चुनाव होने हैं। इनमें से एक सीट सीसामऊ (कानपुर) सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से रिक्त हुई है, जबकि नौ विधानसभा सदस्य अब लोकसभा सांसद बन चुके हैं।
सपा के चार विधायकों अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद, लालजी वर्मा और जियाउर रहमान बर्क की सीटें उनके लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद रिक्त हो गई हैं। अखिलेश यादव वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव करहल, अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर, लालजी वर्मा कटेहरी और जियाउर रहमान कुंदरकी से जीते थे। खैर से भाजपा विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि, गाजियाबाद से अतुल गर्ग और फूलपुर से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल के भी लोकसभा सदस्य चुने जाने से अब यह स्थान खाली हो गए हैं। मझवा (मिर्जापुर) से निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद और मीरापुर से रालोद के विधायक चंदन चौहान भी अब सांसद हो गए हैं।
इस तरह से शीघ्र ही चुनाव आयोग इन 10 रिक्त सीटों पर चुनाव कराएगा। कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत सपा से विधानसभा उपचुनाव में भी साझेदारी चाह रही है। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा को सीट न दिए जाने से दोनों दलों के बीच रिश्तों में काफी खटास आ गई थी। इस साल अक्तूबर में महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। सपा सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा में उनकी पार्टी को कुछ सीटें देने पर रजामंद हुई, तभी यूपी के उपचुनाव में कांग्रेस को कोई सीट देने पर विचार किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में चुनाव जीतती रही है सपा
यहां बता दें कि महाराष्ट्र में वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में सपा के दो विधायक जीते थे। इससे पहले भी सपा वहां चुनाव जीतती रही है। इसी आधार पर सपा ने महाराष्ट्र में दावा करने का फैसला किया है।
हरियाणा की कई सीटों पर मुस्लिम-यादव समीकरण प्रभावी
वहीं, हरियाणा की 20 सीटों पर मुस्लिम-यादव समीकरण प्रभावी है, जिसे सपा अपने पक्ष में मानती है। इस बारे में सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन है, लेकिन उपचुनाव में सीटों के मामले में कोई भी निर्णय समय आने पर सपा नेतृत्व ही लेगा।
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