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Chicken Neck Bypass: भारत सरकार देश के पूर्वोत्तर राज्यों में मजबूत पहुंच बनाने के लिए बांग्लादेश के रास्ते रेल नेटवर्क का विस्तार करने जा रही है. इस मसले का अब बांग्लादेश में विरोध शुरू हो गया है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता रूहुल कबीर रिजवी ने इस मसले को लेकर खासा चिंता जाहिर की है. नयापलटन केंद्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने कहा, इस पहल से देश की खुफिया प्रणाली कमजोर होगी.
रिजवी ने कहा, ‘मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि भारतीय रेलवे को पूर्वोत्तर के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए बांग्लादेश में रेल की पटरियां बिछाई जाएंगी. ये रेल लाइन सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी ‘चिकन नेक’ को बॉयपास करेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे बोर्ड ने बांग्लादेश के माध्यम से भारतीय सैन्य और नागरिक सामानों के परिवहन के लिए रेल नेटवर्क बनाने की पहल की है.
बांग्लादेशी नेता ने भारत पर लगाया आरोप
बीएनपी नेता ने कहा, ‘निश्चित रूप से ये चीजें बांग्लादेश की ‘डमी सरकार’ की अनुमति से हो रही हैं. यह चिंताजनक है. हम इस तरह की पहल का कड़ा विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा भारत हर दिन सीमा पर बांग्लादेशियों की हत्या कर रहा है और बांग्लादेशियों के मानवाधिकारों और मानवता की अवहेलना कर रहा है. बांग्लादेश के रास्ते अपने पूर्वोत्तर में सैन्य और नागरिक सामान पहुंचाता है, तो इससे देश की संप्रभुता कम हो जाएगी. इस दौरान बीएनपी नेता ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पर सत्ता में बने रहने के लिए भारत के साथ गुप्त समझौते का आरोप लगाया. उन्होंने भारत और बांग्लादेश के संबंध को ‘स्वामी और सेवक’ वाला करारा दिया.
बांग्लादेश ने साल 1992 में दी थी अनुमति
दरअसल, सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकेन नेक) मात्र 22 किलोमीटर चौड़ा है और भारत को अपनी मुख्य भूमि से पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ता है. इस कॉरिडोर के एक तरफ बांग्लादेश और दूसरी तरफ नेपाल है. भारत सरकार ने इस कॉरिडोर को बॉयपास करने की योजना बनाई है. इसके तहत भारतीय रेल बांग्लादेश में नई रेल लाइन बिछाकर पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने का काम करेगी. भारत-बांग्लादेश व्यापार समझौता 1980 के तहत बांग्लादेश ने साल 1992 में भारत को तीन बीघा गलियारे का उपयोग करने की अनुमति दी थी.
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