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दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों पड़ रही रिकॉर्ड तोड़ भीषण गर्मी से हाहाकार मचा हुआ है। इतना ही नहीं, आसमान से बरसती आग के बीच गर्मी जानलेवा होती जा रही है। दिल्ली में मंगलवार को गर्मी और लू लगने के कारण दो और लोगों की जान चली गई। हीटस्ट्रोक की वजह से यहां अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में गर्मी का आलम यह है कि यहां तापमान से कहीं ज्यादा तपिश महसूस की जा रही है। मंगलवार को हीट इंडेक्स 51 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
सफदरजंग अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, 60 वर्षीय महिला दिल्ली के बदरपुर इलाके की रहने वाली थी। उपचार के लिए उसे 17 जून की शाम भर्ती कराया गया था। मंगलवार तड़के उसने दम तोड़ दिया। दूसरे मरीज की उम्र 50 साल थी और सोमवार शाम उसे नोएडा के एक अस्पताल से सफदरजंग में रेफर किया गया था। इसकी भी सोमवार मध्य रात्रि के बाद मौत हो गई। अस्पताल में अब तक 28 मरीज भर्ती हो चुके हैं।
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डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी हीट स्ट्रोक के लक्षणों के साथ इलाज के लिए भर्ती हुए दो मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टर ने बताया कि इनमें एक 80 साल की और दूसरी 31 वर्षीय महिला शामिल हैं, जबकि 60 वर्षीय मरीज की हालत में सुधार हो रहा है।
अब तक 30-35 मरीज सामने आए : आरएमएल अस्पताल की इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ. सीमा वासनिक ने बताया कि दिल्ली में लू चलने के बाद से मई-जून में अब तक 30-35 मरीज सामने आ चुके हैं। रोगियों को बेहोशी की हालत में भी इलाज के लिए लाया जा रहा है।
एक मृत भी लाया गया, हीट स्ट्रोक से मौत की आशंका
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मंगलवार को एक मृत व्यक्ति भी लाया गया, जिसकी मौत हीट स्ट्रोक से होने की आशंका जताई जा रही है। शाम चार बजे तक छह मरीज हीट स्ट्रोक के लक्षण को लेकर भर्ती हुए। आईसीयू में सात मरीजों का इलाज जारी है। हीट स्ट्रोक इकाई में दो मरीज भर्ती है।
बुखार के 36 मरीज पहुंचे
अस्पताल के येलो जोन में इलाज के लिए मंगलवार को बुखार के 36 मरीज पहुंचे। डॉक्टर की मानें तो यह गर्मी की वजह से हुए संक्रमण, वायरल वाले मरीज हो सकते हैं।
शरीर का हर अंग प्रभावित हो रहा
उत्तर भारत के कई इलाकों में लोग इस समय भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतम तापमान शरीर के हर अंग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है…
दिमाग पर प्रभाव : जर्नल लाइब्रेरी साइंस ऑफ मेडिसिन के अनुसार, मनुष्य का शरीर अधिकतम 42.3 डिग्री सेल्सियस तापमान झेल सकता है। यदि कोई देर तक इससे अधिक तापमान में रहता है तो दिमाग को काफी नुकसान पहुंचता है।
हृदय पर दबाव : यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर से पहले ही दिल पर दबाव पड़ता है। मोटापा भी खतरे की वजह है, इससे शरीर अधिक गर्मी बरकरार रखता है। इंग्लैंड के रोहैम्पटन विश्वविद्यालय ने शोध में पाया कि यदि तापमान 35 डिग्री से अधिक हो जाता है तो लोगों की हृदय गति बढ़ जाती है।
किडनी को नुकसान : अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज के अनुसार, जिन लोगों को किडनी रोग है उन्हें तो खतरा होता ही है, लेकिन जो इस बीमारी के होने के बाद भी अनजान रहते हैं और ऐसी स्थिति में गर्मी के संपर्क में आते हैं तो उनके लिए यह खतरनाक हो सकता है। अत्यधिक गर्मी से किडनी फेल तक हो सकती है।
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