[ad_1]
हरियाणा के पूर्व CM चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधु व भिवानी के तोशाम से MLA किरण चौधरी और उनकी बेटी आज बीजेपी जॉइन करेंगी। वह सुबह 10 बजे दिल्ली जाकर BJP हेडक्वार्टर में पार्टी में शामिल होंगी। इस दौरान वहां केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहेंग
.
किरण चौधरी और श्रुति ने बीती शाम (18 जून) को कांग्रेस छोड़ी। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस्तीफा भेजा। जिसमें किरण ने लिखा कि यहां पार्टी को निजी जागीर की तरह चला रहे हैं। मुझे बेइज्जत किया गया।
किरण चौधरी लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने के बाद से ही नाराज दिख रही थी। किरण ने खुलकर मीडिया के सामने कई बार राजनीतिक तौर पर उन्हें खत्म करने की साजिश रचने के आरोप लगाए।
उनके अलावा कांग्रेस के एक और नेता पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के भी पार्टी छोड़ने की चर्चा है। हालांकि कुलदीप अभी कांग्रेस में ही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द वह भी बीजेपी जॉइन कर सकते हैं।
किरण चौधरी और श्रुति चौधरी।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को भेजा इस्तीफा
दोनों ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया है। दोनों नेताओं ने बिना नाम लिए भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधा।
किरण चौधरी ने लिखा- मैंने जिंदगी के 4 दशक वफादारी से कांग्रेस पार्टी को दिए। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा में कांग्रेस को निजी जागीर की तरह चलाया जा रहा है।
जिसमें मेरी जैसी ईमानदार आवाज के लिए कोई जगह नहीं है। मुझे सुनियोजित तरीके से दबाया गया। साजिशें रची गई। हरियाणा के जनक चौ.बंसीलाल जी के संस्कारों व विचारधारा को हरियाणा में प्रसारित करना और क्षेत्र एवं प्रदेश का ईमानदारी से विकास करना मेरी हमेशा प्राथमिकता रहेगी!
श्रुति चौधरी ने लिखा- मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और प्रदेश कांग्रेस के वर्किंग प्रैजिडेंट के पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं उन लोगों में से हूं, जिन्हें निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करने का सौभाग्य मिला है। मैंने भी पूरी ईमानदारी से निस्वार्थ सेवा की उस महान विरासत को बनाए रखने का प्रयास किया है।
दुर्भाग्य से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अब एक व्यक्ति पर केंद्रित हो गई है। जिन्होंने अपने स्वार्थ और छोटे हितों के लिए पार्टी के हित से समझौता किया है। चौधरी बंसी लाल और चौधरी सुरेंद्र सिंह जी की विचारधारा पर चल क्षेत्र एवं प्रदेश का विकास करना मेरी हमेशा प्राथमिकता रहेगी।
किरण चौधरी के इस्तीफे की कॉपी…
श्रुति चौधरी के इस्तीफे की कॉपी…
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट मांग रही थी श्रुति, हुड्डा के करीबी को मिली
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को हरियाणा में 5-5 सीटों पर जीत मिली है। किरण चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से अपनी बेटी श्रुति चौधरी टिकट मांग रही थी।
उनकी बेटी इस सीट पर एक बार सांसद भी रह चुकी है, लेकिन पार्टी ने इस बार श्रुति का टिकट काटकर पूर्व सीएम हुड्डा के खास महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को दे दिया। इससे किरण नाराज हो गई और चुनावी प्रचार से भी पूरी तरह दोनों ने दूरी बना ली। हालात ये बने कि राव दान सिंह चुनाव हार गए।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी राहुल गांधी के सामने ही किरण चौधरी और राव दान सिंह के बीच तीखी नोंकझोंक दिखी। दोनों एक-दूसरे को अंगुली दिखाकर बात करते रहे।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी राहुल गांधी के सामने ही किरण चौधरी और राव दान सिंह के बीच तीखी नोक-झोंक दिखी। दोनों एक-दूसरे को अंगुली दिखाकर बात करते रहे।
कुलदीप शर्मा करनाल सीट से थे दावेदार
इसी तरह करनाल सीट से पूर्व डिप्टी स्पीकर कुलदीप शर्मा दावेदारी जता रहे थे। यहां भी उनकी बजाय युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को बीजेपी के हैवीवेट प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने उतार दिया। दिव्यांशु बुद्धिराजा और कुलदीप शर्मा दोनों ही पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास हैं।
टिकट नहीं मिलने के कारण कुलदीप शर्मा एक तरह से घर बैठ गए। कुलदीप ने बुद्धिराजा के चुनाव में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसकी वजह से इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बुरी तरह हार गए।
सोनीपत की गन्नौर विधानसभा सीट से विधायक कुलदीप शर्मा सभी कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। पांच सीटें जीतने के बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत करनाल से ही की है। 16 जून को करनाल में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में कुलदीप शर्मा नहीं आए। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे है कुलदीप शर्मा कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
कुलदीप शर्मा ने टिकट न मिलने पर पहले कांग्रेस के प्रचार से दूरी बनाई। इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा ने वर्कर मीटिंग रखी तो उसमें भी नहीं गए।
कुलदीप शर्मा ने टिकट न मिलने पर पहले कांग्रेस के प्रचार से दूरी बनाई। इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा ने वर्कर मीटिंग रखी तो उसमें भी नहीं गए।
किरण-श्रुति को राज्यसभा भेजने के भी आसार
दरअसल, दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक लोकसभा से चुनाव जीतने के बाद हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है। प्रदेश में फिलहाल बीजेपी की सरकार हैं। ऐसे में राज्यसभा में बीजेपी के ही किसी उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है।
चर्चा इस बात की है कि बीजेपी हरियाणा में कांग्रेस के किसी बड़े नेता को पार्टी में शामिल कराकर राज्यसभा में भेज सकती है। इनमें किरण चौधरी या उनकी बेटी श्रुति चौधरी का नाम टॉप पर है।किरण चौधरी के लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी में जाने की चर्चा चल रही थी।
हालांकि माहौल को भांपकर किरण चौधरी शांत रही, लेकिन बेटी की टिकट कटने और फिर पार्टी के नेताओं द्वारा उन्हें इग्नोर करने से वे काफी आहत हुई। मीडिया के सामने किरण कई बार कह चुके है कि उन्हें दबाने और खत्म करने की साजिशें की जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ ब्राह्मण चेहरे के तौर पर कुलदीप शर्मा को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें भी राज्यसभा में भेजा जा सकता है, लेकिन इसके चांस कम है। क्योंकि हरियाणा से पहले ही बीजेपी निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को समर्थन कर राज्यसभा भेज चुकी है।
कांग्रेस ने राव दान सिंह को टिकट दी तो समर्थकों से मुलाकात के दौरान किरण चौधरी बहुत नाराज नजर आई, वहीं श्रुति चौधरी भावुक दिखीं थी।
कांग्रेस ने राव दान सिंह को टिकट दी तो समर्थकों से मुलाकात के दौरान किरण चौधरी बहुत नाराज नजर आई, वहीं श्रुति चौधरी भावुक दिखीं थी।
कई गुटों में बंटी कांग्रेस, हुड्डा ग्रुप भारी
हरियाणा में कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है। एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो दूसरा उनके एंटी एसआरके ( कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी ) गुट बना हुआ है। इसके अलावा पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव भी अपनी अलग राह चुने हुए हैं।
कैप्टन भी इस बार गुरुग्राम सीट से दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उनकी टिकट काटकर हुड्डा की सिफारिश पर फिल्म स्टार राज बब्बर को टिकट दे दी। हालांकि राज बब्बर भी राव इंद्रजीत सिंह से चुनाव हार गए। मौजूदा वक्त में हुड्डा का गुट भारी है। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बैठे उदयभान भी उनके ही ग्रुप के हैं।
हुड्डा से खटपट में कई नेता कर चुके किनारा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से खटपट के चलते पहले भी कई कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें राव इंद्रजीत सिंह, कुलदीप बिश्नोई जैसे बड़े नेता भी शामिल है।
राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिणी हरियाणा के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए 2014 में पार्टी छोड़ी तो कुलदीप बिश्नोई प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाए जाने के कारण 2022 में बीजेपी में शामिल हुए थे।
फिलहाल राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में मंत्री तो कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा सीट को लेकर दावेदारी जता रहे है।
बिश्नोई हिसार सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी टिकट काटकर चौधरी रणजीत चौटाला को चुनाव लड़ाया, लेकिन चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से चुनाव हार गए।
कांग्रेस अध्यक्ष बोले- सबको भविष्य चुनने का अधिकार
किरण चौधरी के भाजपा जॉइन करने के सवाल पर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि हर नेता को अपना भविष्य का फैसला लेने का अधिकार है। अगर उन्हें वहां अपना भविष्य नजर आता है तो वह फैसला ले सकती हैं।
[ad_2]
Source link