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गुलाबी नगरी में स्थित आस्था के केंद्र श्री अमरापुर स्थान जयपुर में आचार्य सद्गुरु स्वामी टेंऊराम जी महाराज के पवित्र चालिहा महोत्सव के अंतर्गत मंगलवार निर्जला एकादशी के पवित्र पर्व पर 40 भक्तों द्वारा 40 मिनट तक हवन यज्ञ अनुष्ठान किया गया। वहीं निर्ज
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40 दिन तक चलने वाले इस महा महोत्सव में प्रतिदिन, (40 मिनट) के हवन यज्ञ अनुष्ठान तत्पश्चात नित्य नियम प्रार्थना, सत्संग, सामूहिक चालीसा का पाठ , सतनाम साक्षी महामंत्र का 108 बार जाप किया जा रहा है। श्री अमरापुर दरबार के संतो ने बताया कि हवन यज्ञ अनुष्ठान अग्नि के द्वारा पूजा करने की एक विधि है। जिसके द्वारा ईश्वर की उपासना की जाती है। हवन यज्ञ अनुष्ठान के साथ मंत्र उच्चारण से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त होता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। जिससे हमारे विचारों में शुद्धि आती है। शुद्ध विचारों के आगमन से मन एकाग्रचित होता है और एकाग्रचित मन प्रभु के ध्यान में संलग्न हो जाता है।
संतो ने बताया कि चालीहा महोत्सव का मुख्य उद्देश्य प्रभु के नाम का अधिक से अधिक जाप अनुष्ठान करना है। भक्ति भाव, भजन से जोड़ने के लिए समय समय परली ऐसे अनुष्ठान किए जाते है, हवन के अंतर्गत गाय के गोबर से बने कंडे ही उपयोग में लिए जा रहे हैं और शुद्ध गाय का घी प्रयोग किया जा रहा है। पौराणिक मान्यता है कि गाय का घी पूरे ब्रह्मांड में ऐसी वस्तु है जो की अधिकतम प्राणवायु निर्माण में सहायक है। संतों ने बताय कि गाय के गोबर से बने कंडे शुद्ध गाय का घी उपयोग करने से वायु में उपस्थित कीटाणु स्वयं नष्ट हो जाते हैं। ओम गणपते स्वाहा, ओम ब्राह्मणे स्वाहा, ओम अग्नये स्वाहा , ओम प्रभासाय स्वाहा, ॐ सतनाम सक्षिणे नमःस्वाहा ,गायत्री मंत्र, ओम नमो भगवते वासुदेवाय, आदि मंत्रों का उच्चारण कर आहुति दी जाती है। हवन में प्रेमी उत्साह पूर्वक सम्मिलित हो रहे हैं।
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