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समस्या समाधान शिविर में कथित फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर अपनी बात रखते पिलाना के ग्रामीण
चरखी दादरी के लघु सचिवालय स्थित डीसी कार्यालय में मंगलवार को समस्या समाधान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें डीसी, एसपी, एडीसी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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इस शिविर में 52 लोगों की शिकायतें सुनी गई। इस दौरान कथित फर्जी एनकाउंटर मामले को लेकर गांव पिलाना के ग्रामीण व जिस युवक को गोली लगी थी वो भी दरबार में पहुंचे और मामले की जांच की मांग की।
52 शिकायतों पर हुई सुनवाई
बता दे कि सरकार के निर्देशानुसार चरखी दादरी में समस्या समाधान दरबार लगाकर जिले के लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं। दरबार में विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं। बुधवार को आयोजित दरबार में 52 लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे।
उन्होंने अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी। जिला उपायुक्त मनदीप कौर ने कहा कि समस्या समाधान शिविर में आने वाले करीब 50 प्रतिशत समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
फर्जी एनकाउंटर मामले को लेकर आए लोग
समस्या समाधान शिविर में जिले के बहुचर्चित कथित फर्जी मामले को लेकर भी पिलाना के ग्रामीण और जिस युवक को गोली लगी थी वे पहुंचे और अपनी पूरी बात अधिकारियों के समक्ष रखी। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
अपनी बात रखता युवक सोनू जिसे एनकाउंटर में गोली लगी थी।
पुलिस पर लगाए मिलीभगत के आरोप
मामले की अगुआई कर रहे अधिवक्ता संजीव गुड्डू तक्षक ने लंबे समय बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं होने पर रोष जताते हुए पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चरखी दादरी एसपी पूजा वशिष्ठ के कहने पर वे जांच को झज्जर एसआईटी से चरखी दादरी लेकर आए थे। लेकिन उसके बाद से चरखी दादरी एसपी का उदासीन रवैया रहा है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच बाढ़ड़ा डीएसपी को सौंपी गई है। लेकिन दादरी में जांच आने के बाद एसपी या डीएसपी एक बार भी उनसे नहीं मिले हैं। उन्होंने एसपी व डीएसपी पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि सबूत होने के बावजूद भी पुलिस अपराधियों को बचाने में जुटी है।
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