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NATO Nuclear Weapons : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नॉर्थ कोरिया की यात्रा पर जा रहे हैं. इधर रूस और चीन का नाम लेकर नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) ने परमाणु हथियार की धमकी दे दी. NATO के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, सदस्य देश परमाणु हथियारों को तैनात रखें. उन्होंने ये सभी बातें 17 जून को कहीं. जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि रूस और चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए परमाणु हथियार तैनात करने, शस्त्रागार से बाहर निकालने और उन्हें स्टैंडबाय पर रखने के लिए बातचीत की जा रही है. ब्रिटेन के अखबार टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, NATO प्रमुख ने कहा कि सदस्यों के बीच अपने परमाणु शस्त्रागार का उपयोग प्रतिरोध के रूप में करने के लिए बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि यह दुश्मन को सीधा संदेश देता है कि हम निश्चित रूप से एक परमाणु गठबंधन हैं.स्टोलटेनबर्ग ने कहा जब तक परमाणु हथियार मौजूद हैं, हम एक परमाणु गठबंधन बने रहेंगे.
रूस ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया
NATO प्रमुख के इस बयान के बाद रूस ने अपनी प्रतिक्रिया दी. रूस ने टिप्पणी को तनाव बढ़ाने वाला बताया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ये टिप्पणियां स्विट्जरलैंड सम्मेलन में जारी की विज्ञप्ति के विपरीत प्रतीत होती हैं, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन के संदर्भ में परमाणु हथियारों का कोई भी खतरा या उपयोग अस्वीकार्य है. वहीं, रूसी और चीनी खतरे का उल्लेख करते हुए नाटो ने कहा कि एक ऐसी दुनिया जहां रूस, चीन और उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन नाटो के पास नहीं है.
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने दिया जवाब
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रूस के आरोपों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, क्रेमलिन भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है.स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि रूस हमेशा ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश करता है, जिसमें वह नाटो को दोषी ठहरा सके, लेकिन असलियत यह है कि नाटो पारदर्शी है. वहीं, रूस ने आरोप लगाया कि अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को हथियार देकर दुनिया को परमाणु हमले की ओर धकेल रहे हैं. हालांकि, राष्ट्रपति पुतिन भी कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुके है. उन्होंने कहा है कि रूस भी बचाव के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
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