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IMD Monsoon Delhi Rain Update: निर्धारित समय से तीन दिन पहले इस साल केरल में दस्तक देने वाला मॉनसून अब ठिठक चुका है और आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसकी वजह से देश के कई राज्य बारिश का इंतजार कर रहे हैं और वहां लोग प्रचंड गर्मी झेलने को मजबूर हैं। खासकर बिहार-झारखंड, यूपी, मध्य प्रदेश और दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत। अब मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के कुछ वैज्ञानिकों ने सोमवार को कहा है कि इस महीने यानी जून के अंत तक मॉनसून की गति यूं ही बनी रहेगी लेकिन उसके बाद फिर यह रफ्तार पकड़ेगी।
इस वक्त मॉनसून की उत्तरी सीमा नवासारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकाजगिरी, विजयनगरम और इस्लामपुर के पास ही पहुंची है, जो 11 जून की मॉनसून लाइन के आसपास ही है। यानी 11 जून के बाद से मॉनसून बहुत आगे नहीं बढ़ पाया है। इसके अलावा मॉनसूनी बारिश भी अबतक देशभर में औसत से 20 फीसदी कम रिकॉर्ड की गई है। पश्चिमोत्तर भारत में तो 1 जून के बाद मॉनसूनी बारिश में 68 फीसदी की कमी दर्ज की गई है, जबकि मध्य भारत में यह 29 फीसदी, पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर भारत में 20 फीसदी की कमी रही है। हालांकि, दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में यह औसत से 17 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड की गई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पिछले कुछ दिनों से प्रचंड गर्मी और लू के थपेड़े झेल रहा है। वहां कई दिनों से IMD ने रेड अलर्ट जारी कर रखा है। वैसे मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि 18 जून की शाम से रेड अलर्ट ऑरेंज और उसके अगले दिन येलो अलर्ट में तब्दील हो जाएगा और हीटवेव में थोड़ी कमी आ सकती है। यहां अमूमन मॉनसून जून के अंत तक पहुंचता है। बारिश की कमी के कारण पूरे इलाके में शुष्क हवाएं चल रही हैं, इससे अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। पिछले कई दिनों से रातें भी बेचैन करने वाली बनी हुई हैं। रात का भी तापमान 33 डिग्री के आसपास बना हुआ है। सोमवार की रात भी ऐसी लगातार चौथी रात रही, जब लोगों ने गर्मी की वजह से बेचैनी महसूस की।
हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने जलवायु मॉडलों के आधार पर अनुमान जताया है कि जून के अंत तक मॉनसून सक्रिय हो जाएगा और जुलाई में उत्तर-पश्चिम भारत में अच्छी बारिश हो सकती है। यह मॉनसून के तय समय-सीमा के करीबी ही होगा क्योंकि इस इलाके में अमूमन जुलाई में ही अच्छी मॉनसूनी बारिश होती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “उत्तर पश्चिम भारत में जुलाई के पहले पखवाड़े में व्यापक वर्षा की उम्मीद की जा सकती है।” मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि जलवायु मॉडल से पता चलता है कि जून के आखिरी सप्ताह में मानसून फिर से सक्रिय हो रहा है और यह आगे बढ़ेगा और जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरे देश को कवर कर लेगा।
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