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राजस्थान के दो युवा… आसाराम नागर और राहुल मीना।
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टोंक जिले के हिसामपुर के रहने वाले इन दोनों युवाओं को किक बॉक्सिंग के बारे में कुछ भी नहीं पता था। मोबाइल पर गेम खेलते-खेलते इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दी।
इनमें सबसे बड़ी परेशानी आई कोच की। जब किक बॉक्सिंग के कोच नहीं मिले तो वीडियो देखकर प्रैक्टिस करने लगे। कड़ी मेहनत के बाद सफलता भी मिली। अब ये दोनों युवा अगस्त में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में होने वाली किक बॉक्सिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप में खेलेंगे।
हिसामपुर के किसान के बेटे आसाराम नागर (18) और देवली के शिक्षक के बेटे राहुल मीना (17) को पहले कोई नहीं जानता था। आज इनकी चर्चा हर ओर है। दोनों ने कुछ दिन पहले ही सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में हुई जूनियर नेशनल किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
खास बात ये है कि पहली बार टोंक के ये दोनों खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड चैम्पियनशिप में खेलेंगे। आसाराम नागर किक बॉक्सिंग के लिए प्रैक्टिस और पढ़ाई के अलावा समय मिलते ही परिवार के साथ खेतों में भी पसीना बहाता है। वह खेती-बाड़ी में अपने घर वालों का हाथ बंटाता है।
महज दो साल की मेहनत में ही जिले के दोनों खिलाड़ी वर्ल्ड खिताब पाने के लिए ताल ठोकेंगे। सफलता के लिए ये खिलाड़ी रोजाना 5 से 6 घंटे प्रैक्टिस कर रहे हैं।
ऑनलाइन गेम देख रुचि जगी, अपने स्तर पर की तैयारी
आसाराम नागर को यह गेम विरासत में नहीं मिला। दो साल पहले किक बॉक्सिंग ऑनलाइन देखी तो इस खेल के प्रति रुझान बढ़ा। इसके बाद अपने स्तर पर तैयारी करने लगा। इस साल यह टोंक में हॉस्टल में रहकर द मार्शल आर्ट एंड फिटनेस एकेडमी में तैयारी कर रहा है। राहुल भी यहीं रहकर तैयारी कर रहा है। आसाराम ने कहा- खेल के लिए माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर नासिरदा के प्रिंसिपल रामेश्वर कुमावत ने भी प्रेरित किया। मुझे किक बॉक्सिंग में सबसे ज्यादा रुचि हुई। अब इसमें ही करियर बनाना चाहता हूं।
अपने किक बॉक्सिंग ट्रेनर अमित बरथवाल के साथ आसाराम और राहुल।
देश के लिए वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मेडल जीतने का सपना
आसाराम नागर और राहुल मीणा ने बताया- हमारा सपना अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में देश के लिए मेडल लाना है। इसके लिए अब हम दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ट्रेनिंग और टूर्नामेंट का खर्चा पेरेंट्स वहन कर रहे हैं। दोनों ने इसी साल बारहवीं पास की है। आसाराम नागर के पिता राकेश नागर किसान हैं। माता रमता देवी गृहिणी हैं। आसाराम तीन भाई है। सबसे बड़ा आसाराम है।
आसाराम अपनी माता रमता देवी और राहुल अपने परिवार के साथ।
शिक्षक बनना चाहता है राहुल
देवली के हनुमान नगर निवासी राहुल मीना के पिता खेमराज मीणा सरकारी शारीरिक शिक्षक (PTI) हैं। मां गृहिणी हैं। राहुल मीना दो भाई हैं। राहुल भी PTI बनना चाहता है। एकेडमी के ट्रेनर रमेश प्रजापत ने आगे बढ़ने के लिए बहुत प्रेरित किया है। अभी उनकी सलाह पर एकेडमी जॉइन की है।
पिता ने सपोर्ट किया
राहुल मीना ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ साल पहले मार्शल आर्ट के बारे में जानकारी जुटाई थी। टोंक जिले में मार्शल आर्ट से संबंधित कोच नहीं मिला तो यूट्यूब के माध्यम से प्रैक्टिस करता था। बाद में 2 साल से टाइगर मार्शल आर्ट एकेडमी में ट्रेनिंग स्टार्ट की। पिता ने खेल के लिए खूब सपोर्ट किया।
आसाराम और राहुल साथ-साथ। दोनों एक ही एकेडमी से किक बॉक्सिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
देश के लिए मेडल जीतने के लिए पूरी तैयारी करवाई जाएगी
किक बॉक्सिंग ट्रेनर अमित बरथवाल ने बताया, बच्चों को देश के लिए मेडल दिलाने के लिए भरसक प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए रोजाना करीब पांच घंटे इन्हें प्रैक्टिस करवाई जा रही है। अब इन दोनों खिलाड़ियों को और विशेष तैयारी करवाई जाएगी।
राजस्थान किक बॉक्सिंग ऑर्गेनाइजेशन जयपुर के जनरल सेक्रेट्री पुष्पेंद्र गुर्जर ने बताया कि किक बॉक्सिंग में सात इवेंट होते हैं। इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड मेडलिस्ट को ले जाते हैं, लेकिन अंतिम रूप से चयन के लिए कोचिंग कमेटी वाको इंडिया किक बॉक्सिंग फेडरेशन करती है। फेडरेशन खिलाड़ियों का पूरा रिकॉर्ड चेक करता है। मेडिकल टेस्ट आदि करवाए जाते हैं। उसके बाद अंतिम रूप से चयन किया जाता है। इसमें कमेटी सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडलिस्ट को भी ले जाती है। टोंक के भी दो खिलाड़ियों का चयन वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए कोचिंग कमेटी वाको इंडिया किक बॉक्सिंग फेडरेशन ने किया है। आसाराम ने दो इवेंट में सिल्वर जीता है।
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