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लोकसभा चुनाव के दाैरान विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत और बीना विधायक निर्मला सप्रे ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। लेकिन डेढ़ माह बाद भी दोनों ने विधायकी नहीं छोड़ी। ऐसे में उनकी विधायकी और उनकी सीट पर उप चुनाव को लेकर भी संशय बना हुआ है। दैनिक भा
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सप्रे : मैं भाजपा में हूं, पार्टी के आदेश पर इस्तीफा दूंगी
Q. आपने भाजपा जॉइन की पर विधायकी नहीं छोड़ी, खुद ही बताएं किस दल में हैं?
– मैं भाजपा में ही हूं।
Q. जब भाजपा जॉइन कर ली तो इस्तीफा देने में डर क्यों?
– काेई डर नहीं है। जैसे ही पार्टी का आदेश होगा, इस्तीफा दे दूंगी।
Q. भाजपा ने जाे वादे किए, क्या उनके पूरे होने तक इस्तीफा नहीं दे रहीं?
– ऐसा कुछ नहीं है। पर इतना जरूर है कि जाे बातें बीना के विकास काे लेकर हुई थीं, वे जरूर पूरी होंगी। 14 बिंदुओं पर बात की थी। इनमंे बीना काे जिला बनाना, 100 बिस्तर का अस्पताल, खेल, गोशाला निर्माण, केन-बेतवा से छूटे गांवाें काे जाेड़ना, बीना का चहुंमुंखी विकास आदि शामिल है। कुछ चुनाव के पहले पूरी होंगे, कुछ चुनाव के बाद।
Q. वादे पूरे नहीं हुए तो क्या कांग्रेस की विधायक बनी रहेंगी?
– हर बिंदु पर बात हुई है। कुछ वादे जल्द तो कुछ बाद में पूरे होंगे।
Q. विधानसभा सत्र में जाएंगी?
– बिल्कुल जाऊंगी। बीना से जुड़े कुछ सवाल भी लगा रही हूं।
रामनिवास : मंत्री बनने का वादा नहीं, जल्द इस्तीफा दूंगा
Q. आप किस पार्टी में हैं?
– आप लोग बार-बार यूं ही सवाल पूछ रहे हैं। मैं भाजपा में हूं। यह मैं पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं।
Q. आपने अब तक विधायकी से इस्तीफा क्यों नहीं दिया? क्या उप चुनाव का डर है?
– उपचुनाव का डर कैसा। जब उचित समय आएगा तो इस्तीफा दे देंगे। बहुत जल्दी इस्तीफा देंगे।
Q. इस्तीफा नहीं देने पर आप विस का सत्र जॉइन करेंगे। यदि करेंगे तो सत्ता पक्ष के साथ बैठेंगे या विपक्ष के साथ?
– बिल्कुल, विधानसभा का सत्र जॉइन जरूर करूंगा। विधानसभा में जब बैठूंगा तो पता चल जाएगा कि कहां बैठूंगा।
Q. क्या भाजपा ने मंत्री बनाने का वादा किया था? इसलिए इस्तीफा नहीं दे रहे हैं?
– ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस्तीफा देने का कोई डर नहीं है, बस सही समय का इंतजार है। शर्त और वादे जैसी कोई बात नहीं है। भाजपा को क्षेत्र विकास की खातिर जॉइन किया, जिसमें सहयोग का भरोसा मुख्यमंत्री से मिला था।
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