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भिण्ड शहर में प्राइवेट स्कूलों द्वारा सांठगांठ कर किताबों को लेकर होने वाली कमशीनखोरी और पालकों से लूट बंद कराने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी जांच के लिए न तो कमेटी बनाई और नही कोई ठोस कदम कदम उठााय है। यदि जल्द
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बतादें, कि शहर में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा जा रही महंगी और प्राइवेट प्रकाशन की किताबें तय दुकानों से मिल रही है, जिसमें पालकों को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है। ऐसे में पालकों के साथ खुलेआम लूटपाट की जा रही है। इसको लेकर बीते सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा ऐसी दुकानों की जांच कर उन पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही विद्यार्थी परिषद द्वारा आंदोलन करते हुए इस कमीशनखोरी का विरोध किया गया था।
विद्यार्थी परिषद ने दी चेतावनी।
जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा बालवाड़ी पुस्तक भण्डार की जांच करते हुए उसमें निजी प्रकाशकों की मंहगे दाम की किताबें बेचने को लेकर सील्ड किया था। लेकिन कार्रवाई के दूसरे दिन ही दुकान को खोलने की परमीशन दे दी गई थी। सोमवार के रोज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा इस कमीशनखोरी और प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई न किए जाने का विरोध किया।
कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे परिषद कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर नारेबाजी की। एबीवीपी जिलाध्यक्ष सूर्या भदौरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रायवेट स्कूल सांठगांठ के कारण चुनिंदा दुकानों पर ही स्कूल की किताबें मिलती है, जिनकी कीमत एनसीईआरटी की पुस्तकों से काफी ज्यादा होती है। यह सीधे तौर पर पालकों के साथ लूट है। इसको लेकर एबीवीपी ने चरणबद्ध आंदोलन चलाया है।
प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच के लिए कोर कमेटी नही बनाई, बल्कि दोषी पाए गए किताब विके्रता की सील्ड दुकान को खोलने के आदेश दिए है। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने इस मामले में बारीकी से जांच और स्कूलों का निरीक्षण करने की मंाग करते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही सही जांच न करने पर प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव व विरोध करने की अल्टीमेटम भी दिया है।
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