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प्रिंसेस स्टेट कॉलोनी के प्लाटधारकों को की समस्याएं जल्द हल होगी और दोषी कॉलोनाइजर के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
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कलेक्टर आशीष सिंह ने इस कॉलोनी की शिकायतों के हल के लिए अपर कलेक्टर रोशनी वर्धमान की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। कुछ व्यक्तियों द्वारा दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए थे। इन्हें रजिस्ट्री होने के बावजूद कब्जा प्राप्त नहीं हो पा रहा है। रहवासी संघ ने भी कुछ सदस्यों की सूची उपलब्ध कराई। इनके द्वारा पूर्ण भुगतान करने के बाद भी उनकी रजिस्ट्री नही कराई जा रही है। यह जांच में सही पाया गया है ।
रहवासी संघ के कुछ और सदस्यों द्वारा एक और सूची उपलब्ध कराई गई थी। इनके द्वारा कुछ भुगतान कर दिया गया था। वे पूरा भुगतान भी करना चाहते हैं लेकिन कॉलोनाइजर के कार्यालय बंद होने से न तो रजिस्ट्री हो पा रही है और न ही कोई अन्य प्रक्रिया। जांच में कार्यालय बंद कर दिया जाना भी सही पाया गया है। संघ द्वारा डबल रजिस्ट्री की भी शिकायत की गई थी। जांच में 12 व्यक्ति ऐसे पाये गए जिन्हें एक ही प्लॉट की डबल रजिस्ट्री कर दी गई है। कॉलोनी की जमीन पर नक्शा बटांकन को लेकर विवाद है। इसी नंबर पर किसानों द्वारा खुद के नाम टीएनसीपी कराकर कॉलोनाइजर (अरूण डागरिया और महेन्द्र जैन) के नाम अलग-अलग रजिस्ट्री कर दी गई। कलेक्टर आशीष सिंह ने कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिन लोगों ने पहले भुगतान किया है उन्हें कब्जा दिलाए की कार्यवाही भी की जा रही है।
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