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Gurpatwant Singh Pannu Case: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश मामले में अमेरिका को बड़ी सफलता मिली है. पन्नू की हत्या की प्लानिंग के मामले में गिरफ्तार भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता का अमेरिका में प्रत्यर्पण किया गया है. चेक गणराज्य में निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी हुई थी. अमेरिका के कारागार ब्यूरो की वेबसाइट के मुताबिक, 52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से संयुक्त राज्य अमेरिका लाया गया है. इस मामले से जुड़े जानकारों ने बताया कि वर्तमान में निखिल गुप्ता को ब्रुकलिन के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है.
अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि निखिल गुप्ता पन्नू की असफल हत्या की साजिश में शामिल थे. पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा दोनों देश की नागरिकता है, वह अमेरिका में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता है. पन्नू लगातार भारत के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को निशाना बनाता है, साथ ही दुनियाभर के हिंदुओं को धमकी देता है. अमेरिका के संघीय अभियोजको ने निखिल गुप्ता पर एक भारतीय अधिकारी के साथ मिलकर पन्नू हत्या साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि निखिल गुप्ता पिछले साल चेक गणराज्य की राजधानी प्राग गए थे, जहां पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
निखिल गुप्ता की चेक गणराज्य में अर्जी हुई खारिज
अमेरिका में प्रत्यर्पण से बचने के लिए निखिल गुप्ता ने चेक गणराज्य की अदालत में अर्जी लगाई थी, लेकिन गुप्ता की अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद चेक के न्याय मंत्री ने उन्हें अमेरिका भेज दिया. अमेरिका के अलावा कनाडा में भी खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बनाकर हत्या की साजिश का भारत पर आरोप लगाया गया है. इन आरोपों के बाद पश्चिमी देशों और भारत के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए, साथ ही भारत ने इस तरह की किसी भी गतिविधि में शामिल होने की बात को सिरे से नकार दिया है.
निखिल गुप्ता पर हत्या की सुपारी देने का आरोप
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नू ने निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण पर कहा कि गुप्ता का प्रत्यर्पण सकारात्मक है लेकिन गुप्ता तो एक सिपाही है. पन्नू ने आरोप लगाया है कि गुप्ता को नियुक्त करने वाले अधिकारी भारत में ऊंचे पदों पर तैनात हैं. अमेरिका के संघीय अभियोजकों का आरोप है कि निखिल गुप्ता ने पन्नी की हत्या के लिए एक व्यक्ति को सुपारी दी थी. इसके लिए 15 हजार डॉलर का अग्रिम भुगतान किया गया था. उनका आरोप है कि इस साजिश में एक भारतीय अधिकारी भी शामिल है, जिसका नाम नहीं लिया गया. गुप्ता का प्रत्यर्पण ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुविलिन भारत दौरे पर आने वाले हैं.
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